26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर जानिए संविधान की 10 खास बातें, हर नागरिक को होना चाहिए पता

WD Feature Desk

बुधवार, 22 जनवरी 2025 (15:39 IST)
26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्‍ट्रपति डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज को फहराकर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्‍म की घो‍षणा की थी। अंग्रेजों के शासनकाल से छुटकारा पाने के 894 दिन बाद हमारा देश स्‍वतंत्र राज्‍य बना। तब से आज तक हर वर्ष समूचे राष्‍ट्र में गणतंत्र दिवस गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2025 में इस बार 26 जनवरी को 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारत का जनतांत्रिक संविधान लागू हुआ था। इसी के उपलक्ष में गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाया जाता है। संविधान से ही सरकारों का चयन होता है, चुनाव होता है और देश चलता है। संविधान की मुख्‍य जानकारी प्रत्येक नागरिक को होना चाहिए क्योंकि वे इसी देश में रहते हैं।ALSO READ: Republic Day Parade 2025: वंदे मातरम और जन गण मन में क्या है अंतर?
 
1. भारत एक पूर्ण संप्रभुता संपन्न गणराज्य होगा, जो स्वयं अपना संविधान बनाएगा। भारत संघ में ऐसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे, जो इस समय ब्रिटिश भारत में हैं या देशी रियासतों में हैं या इन दोनों से बाहर, ऐसे क्षेत्र हैं, जो प्रभुतासंपन्न भारत संघ में शामिल होना चाहते हैं। भारतीय संघ तथा उसकी इकाइयों में समस्त राजशक्ति का मूल स्रोत स्वयं जनता होगी। अवशिष्ट शक्तियां इकाइयों के पास रहेंगी।
 
2. भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, पद, अवसर और कानूनों की समानता, विचार, भाषण, विश्वास, व्यवसाय, संघ निर्माण और कार्य की स्वतंत्रता, कानून तथा सार्वजनिक नैतिकता के अधीन प्राप्त होगी। अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ी जातियों और कबायली जातियों के हितों की रक्षा की समुचित व्यवस्था की जाएगी।
 
3. संघात्मक संविधान की प्रमुख विशेषता केंद्र तथा राज्यों में शक्तियों का वितरण है। संघ एवं राज्यों में शक्तियों का वितरण ऐसी रीति से किया जाए कि दोनों अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र हों, किंतु एक-दूसरे के सहयोगी भी हों। इसका तात्पर्य यह है कि राज्यों को कुछ सीमा तक स्वायत्तता होनी चाहिए।
4. भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह एक विस्तृत कानूनी दस्तावेज़ है। यह देश की सर्वोच्च विधि है।
 
5. इस संविधान में संघात्मकता और एकात्मकता का मिश्रण है। इसमें कठोरता और लचीलेपन का मिश्रण है। यह एक समावेशी संविधान है।ALSO READ: Republic Day Parade 2025: दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र की 9 विशेषताएं
 
6. इस संविधान में प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकार और कर्तव्य शामिल हैं। इसमें सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार है। इसमें एकल नागरिकता है।
 
7. इसमें देश के प्रशासन के लिए नियम और विनियम हैं। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के बीच विषयों का विभाजन है। इसमें विधायिका, कार्यपालिका, और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन है। इसमें राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत हैं। इसमें आपातकालीन प्रावधान भी हैं।

8. यह संविधान यह देश की राजनीतिक व्यवस्था के लिए रूपरेखा तैयार करता है। यह सरकार की संस्थाओं की शक्तियों और ज़िम्मेदारियों को तय करता है। यह यह मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है और यह शासन के सिद्धांतों को रेखांकित करता है।
 
9. यह विभिन्न स्रोतों से लिया गया संविधान है। यानी मौलिक अधिकार अमेरिकी संविधान से हैं, निर्देशक सिद्धांत आयरिश संविधान से हैं और सरकार का कैबिनेट रूप ब्रिटिश संविधान से है। इसके अलावा, यह कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूएसएसआर और फ्रांस के संविधानों से विभिन्न प्रावधानों को अपनाता है।ALSO READ: हर भारतीय को पता होने चाहिए गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े ये अनसुने रोचक तथ्य
 
10. स्वतंत्र और एकीकृत न्यायिक प्रणाली इस संविधान की विशेषता है। भारतीय संविधान के अनुसार, भारत में न्यायपालिका की एक ही प्रणाली लागू है। सर्वोच्च न्यायालय सबसे ऊपर है, राज्य स्तर पर उच्च न्यायालय हैं और जिला और अन्य अधीनस्थ न्यायालय नीचे हैं और उच्च न्यायालयों की निगरानी के अधीन हैं। साथ ही, सभी स्तरों के न्यायालयों का कर्तव्य है कि वे केंद्रीय और राज्य कानूनों को लागू करें।

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