फाइनल को लेकर तनाव में नहीं हैं दीपा करमाकर

शनिवार, 13 अगस्त 2016 (10:13 IST)
रियो डी जेनेरियो। रियो ओलंपिक में भारत की एकमात्र महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने कहा कि वह रविवार को होने वाले व्यक्तिगत वॉल्ट फाइनल को लेकर किसी तरह के तनाव में नहीं हैं और पूरी तरह से सहज रहते हुए अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
 
त्रिपुरा के अगरतला की रहने वाली 22 वर्षीय दीपा रियो में अपने पहले ओलंपिक में खेल रही हैं। उन्होंने प्रतियोगिता में शानदार शुरुआत करते हुए क्वालिफाइंग राउंड में आठवें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनायी थी और भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया था। 
 
दीपा अब 14 अगस्त को फाइनल में पदक की दावेदारी पेश करेंगी। दीपा ने कहा कि मैं फाइनल को लेकर किसी भी तरह के तनाव में नहीं हूं। मैं फाइनल में खेलने को लेकर रोमांचित जरूर हूं लेकिन मैं पूरी तरह सहज हूं। यह मेरा पहला ओलंपिक है और मैं इसे लेकर बेहद उत्साहित हूं। मैं पदक के विषय में किसी तरह की भविष्यवाणी नहीं कर सकती लेकिन मैं फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।
 
23 वर्षीय दीपा ने कहा कि फाइनल में पदक दावेदारी पेश कर रहे एथलीटों में स्वर्ण और कांस्य पदक विजेता एथलीट हैं और इसमें चुनौती कतई आसान नहीं है। मैं अपने पहले ओलंपिक में ही फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रही और यही बात मुझे अच्छा करने के लिए प्रेरित करेगी।
 
दीपा की पदक संभावनाओं के बारे में दीपा के कोच बिशेश्वर नंदी ने कहा कि अपना पदार्पण ओलंपिक खेल रही दीपा का अब तक का प्रदर्शन सराहनीय और उत्साहजनक रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि फाइनल में वह अपने प्रदर्शन में और सुधार करेंगी। 
 
दीपा इस समय आठवें नंबर पर हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह इसमें कम से कम दो या तीन स्थान का सुधार करेंगी। नंदी ने कहा कि बतौर कोच मेरा मानना है कि फाइनल के लिए क्वालिफाई करने वाली सभी आठ प्रतिभागी पदक विजेता हैं। फाइनल में कुछ भी हो सकता है। फाइनल में जिसका प्रदर्शन बेहतर होगा वह पदक की हकदार होगी। हमारी तैयारी अपने अंतिम चरण में है और मुझे दीपा से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। (वार्ता)
 

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