पूर्व नंबर एक निशानेबाज हिना सिद्धू से भारत को खासी उम्मीदें थीं लेकिन अपूर्वी चंदीला, अयोनिका पॉल और गुरप्रीत सिंह की तरह उन्होंने भी निराश किया। हिना 380 के स्कोर के साथ 44 निशानेबाजों में 14वें स्थान पर रह गईं। इस स्पर्धा में वह एकमात्र भारतीय निशानेबाज थीं। हिना के पास अब इस स्पर्धा की निराशा को छोड़कर 25 मीटर पिस्टल की अपनी अगली स्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका रहेगा।
सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के तहत अधिकतर समय विदेश में अभ्यास करने वालीं 26 वर्षीय हिना सिद्धू ने हालांकि शुरुआत टेन से की लेकिन उसके बाद वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रख पाईं। अन्य भारतीय निशानेबाजों की तरह हिना के निशाने भी भटकते रहे। वह एक बार भी टॉप टेन में जगह नहीं बना पाईं। उनकी पहली सीरीज 94, दूसरी 95, तीसरी 96 और चौथी 95 की रहीं।
भारतीय निशानेबाज ने कुल 13 टेन लगाए। हिना लंदन ओलंपिक में 12वें स्थान पर रही थीं और फिर 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में 13वें स्थान पर रही थीं। यहां उन्हें 14वां स्थान मिला। क्वालिफाइंग में रूस की दो निशानेबाजों ने दो शीर्ष स्थान हासिल किए। डोपिंग के आरोपों से निकलने के बाद रूसी दल रियो में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसकी बानगी इस स्पर्धा में भी देखने को मिली।