'रियो' में शरणार्थियों की टीम ने जीता दिल

शनिवार, 6 अगस्त 2016 (18:02 IST)
रियो डि जेनेरियो। धमाकेदार उद्घाटन समारोह के साथ ही रियो ओलंपिक की शुरुआत हो गई और इसमें हिस्सा ले रहे 206 देशों के अलावा शामिल शरणार्थियों की टीम ने सबका दिल जीत लिया।
सभी 206 देशों के ओलंपिक दल ने परेड में अपने दमखम का प्रदर्शन किया। हालांकि जिन खिलाड़ियों की टीम ने परेड में सबसे अधिक तालियां बटोरीं, वह थी शरणार्थियों की 10 सदस्यीय टीम जो ओलंपिक झंडे के तहत इन खेलों में हिस्सा ले रही है।
 
दुनियाभर में फैले शरणार्थी संकट और इससे पीड़ित लोगों की व्यथा के प्रति सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पहली बार शरणार्थियों को इन खेलों का हिस्सा बनने का मौका दिया है। शरणार्थी ओलंपिक टीम में पांच खिलाड़ी दक्षिणी सूडान, दो सीरिया, दो कांगो और एक इथोपिया से है।
 
शरणार्थी दल में सबसे प्रमुख खिलाड़ी फ्रीस्टाइल तैराक सीरिया के 18 वर्षीय युसरा मार्दिनी हैं। इन खिलाड़ियों की इस छोटी से टीम ने जैसे ही माराकाना स्टेडियम में कदम रखा, पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और सभी ने बहुत ही गर्मजोशी के साथ इन एथलीटों का स्वागत किया।  
 
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने शरणार्थियों की टीम की तारीफ करते हुए कहा, ये शरणार्थी एथलीट दुनियाभर के लाखों शरणार्थियों को संदेश भेज रहे हैं जिन्हें हिंसा और भूख जैसी वजहों से अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। ये सभी एथलीट मानवता का एक महान संदेश दे रहे हैं। इस ओलंपिक की दुनिया में हम आप लोगों का विविधता में बढ़ोतरी के रूप में स्वागत करते हैं।
 
इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने भी ओलंपिक में विश्व की पहली शरणार्थी टीम को ऐतिहासिक क्षण करार दिया। (वार्ता)

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