जब 2009 में रियो ने खेलों की मेजबानी हासिल की थी तो ब्राजील को उम्मीद नहीं थी कि उसे आर्थिक मंदी के दौर, बेरोजगारी और मच्छरों से होने वाले जीका वायरस, राजनीतिक संकट, बुनियादी ढांचे में रुकावट जैसी बाधाओं से जूझना होगा, जिसके बाद राष्ट्रपति दिल्मा रूसेफ पर महाभियोग चला दिया गया। इन सबने रियो की 2016 ओलंपिक की मेजबानी की खुशी को खत्म कर दिया।
डॉकयार्ड के एक कर्मचारी कालरेस रोबर्ट ने कहा, एक तरह से ओलंपिक ब्राजील के लिए अच्छे हैं जिससे हमें विकास करने में मदद मिली लेकिन देश बहुत दुखी है, हिंसा और बेराजगारी से भरा हुआ है। उन्होंने बताया, आप अस्पताल में जाओगे तो आपको डॉक्टर या दवाई नहीं मिलेगी। (भाषा)