भारत में ले-देकर एक ही खेल धनवान है और वह है क्रिकेट...इस खेल ने अपने जादू से शहरी बच्चों को ही नहीं लुभाया है बल्कि इसकी पहुंच गांव-गांव तक हो गई है। खेल में दखल रखने वाले बच्चे को क्रिकेट की तीनों विधाओं में कौन भारत का कप्तान है, यह तो याद होगा, लेकिन वो रियो ओलंपिक में गए 118 सदस्यीय भारतीय दल में से 8 खिलाड़ियों के नाम भी जुबानी नहीं बता पाएगा। ये फर्क है हमारे सिस्टम में...यदि पदक तालिका में अमेरिका, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, हंगरी, जर्मनी शीर्ष सूची में रहते हैं तो इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन देशों में खिलाड़ी को राष्ट्रीय संपत्ति माना जाता है।