भारत ने पिछले लंदन ओलंपिक खेलों में 83 खिलाड़ियों का दल उतारा था जिसने दो रजत और चार कांस्य सहित कुल छ: पदक जीते थे। प्राइसवाटरहाउसकूपर्स ने लंदन ओलंपिक के लिए भारत के लगभग छ: पदक जीतने की भविष्यवाणी की थी जो सही साबित हुई थी और इस बार पीडब्ल्यूसी ने लंदन की संख्या में छ: पदकों का इज़ाफ़ा किया है। हालांकि पीडब्ल्यूसी का साथ ही कहना है कि पदक संख्या में ऊपर नीचे मामूली फर्क आ सकता है।
पीडब्ल्यूसी पदक संख्या के आकलन के लिए देश की अर्थव्यवस्था (जीडीपी) और पिछले दो ओलंपिक के प्रदर्शन के अलावा इस बात को देखती है कि देश मेजबान है या नहीं। पीडब्ल्यूसी ने ओलंपिक महाशक्ति अमेरिका के लिए लंदन ओलंपिक में कुल 113 पदक जीतने की भविष्यवाणी की थी और अमेरिका ने 103 पदक जीते थे जबकि अमेरिका को चुनौती दे रहे चीन के लिए 87 पदक जीतने की भविष्यवाणी की गई थी और चीन ने 88 पदक जीते थे।
प्राइसवाटरहाउसकूपर्स ने रियो ओलंपिक में अमेरिका के 108, चीन के 98, रूस के 70, ब्रिटेन के 52 और जर्मनी के 40 पदक जीतने की भविष्यवाणी की है। भारत के लिए यह आंकड़ा 12 रखा गया है। ओलंपिक स्तर पर अपनी जनसंख्या और जीडीपी के मुकाबले कम प्रदर्शन करने वाले देशों में पीडब्ल्यूसी का मॉडल बताता है कि भारत की पदक संख्या लंदन से दोगुनी होकर 12 पहुंच सकती है।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी 10 से 15 पदक जीतने का अनुमान लगाया है जबकि पूर्व खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने दस पदक जीतने का आंकड़ा दिया था। सोनोवाल के असम का मुख्यमंत्री बनने के बाद कुछ समय तक खेल मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले जितेन्द्रसिंह ने भी कहा था कि भारत की पदक संख्या दोगुनी होगी जबकि नए खेलमंत्री विजय गोयल का कहना है कि भारत का सबसे बड़ा दल इस बार निश्चित रूप से अच्छा प्रदर्शन करेगा। (वार्ता)