भारत के सामने रियो में लंदन को पीछे छोड़ने की चुनौती

125 करोड़ देशवासियों की उम्मीदों के रथ पर सवार भारत का अब तक सबसे बड़ा दल शुक्रवार से शुरु हो रहे खेलों के महाकुंभ रियो ओलंपिक में लंदन ओलंपिक की रिकॉर्ड तोड़ कामयाबी को पीछे छोड़ने और एक नया इतिहास बनाने के लक्ष्य के साथ उतरेगा। 
          
भारत को रियो ओलंपिक शुरु होने से कुछ दिन पहले डोपिंग विवाद से जूझना पड़ा लेकिन पहलवान नरसिंह यादव इस विवाद से विजेता की तरह बाहर निकल आए जबकि शॉटपुटर इंद्रजीत सिंह और 200 मीटर के फर्राटा धावक धर्मबीर सिंह डोपिंग में फंस गए। इन विवादों के बावजूद 118 सदस्यीय भारतीय दल से रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। भारत ने चार साल पहले लंदन ओलंपिक में दो रजत और चार कांस्य सहित छह पदक जीते थे लेकिन इस बार इस संख्या के दोगुना होने की उम्मीद की जा रही है।
     
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो जाने वाले खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रुप से मुलाकात कर एक शानदार पहल की थी और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी थीं। रियो में इस बार भारत जिस तरह बड़ा दल उतार रहा है, उससे 125 करोड़ देशवासियों की उम्मीदें ऊंची हो गई हैं कि पदक तालिका में भारत अपनी संख्या में सुधार करेगा और लंदन से आगे निकालेगा। 
      
दुनिया की जानी मानी रेटिंग एजेंसी प्राइस वाटरहाउस कूपर्स ने भारत के 12 पदक जीतने और टॉप-20 देशों में पहुंचने की भविष्यवाणी की है। प्राइस वाटरहाउस कूपर्स ने लंदन ओलंपिक में भारत के छह पदक जीतने की भविष्यवाणी की थी जो सही साबित हुयी थी। 
 
भारत यदि पिछली संख्या को पीछे छोड़ पाता है तो यह उसके लिए बड़ी उपलब्धि होगी। हालांकि लंदन ओलंपिक के दो रजत पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और निशानेबाज विजय कुमार तथा कांस्य पदक विजेता महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम इस बार टीम में नहीं है लेकिन टीम में कई ऐसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी है जिनका लोहा दुनिया मानती है।   
 
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा,गगन नारंग और जीतू राय, बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल, पहलवान योगेश्वर दत्त और नरसिंह यादव, टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, लिएंडर पेस, रोहन बोपन्ना, मुक्केबाज शिवा थापा और विकास कृष्णन, तीरंदाज दीपिका कुमारी, डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा, जिमनास्ट दीपा करमाकर और पुरुष हॉकी टीम भारत को पदक दिलाने का दमखम रखते हैं। इन स्टार खिलाड़ियों में से यदि आधे भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर जाएं, भारत लंदन से आगे निकल सकता है।
           
रियो ओलंपिक में भारत 15 खेलों की 66 स्पर्धाओं में हिस्सा लेगा। इनमें सबसे ज्यादा 20 स्पर्धाएं एथलेटिक्स में होंगी। इसके बाद निशानेबाजी की 11 स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। कुश्ती में सात और बैडमिंटन में चार स्पर्धाओं में भारतीय अपनी चुनौती पेश करेंगे। तीरंदाजी और टेनिस की तीन-तीन स्पर्धाओं में भारतीय उम्मीदें दांव पर रहेंगी। 

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