रियो ओलंपिक में इन भारतीय सितारों पर होंगी नजरें

रियो ओलंपिक का आगाज होने में कुछ घंटों का वक्त ही बाकी रह गया है। रियो में भारत का 118 सदस्यों का दल उतर रहा है और जिन सितारों पर पूरे देश की नजरें होंगी वे हैं बीजिंग ओलंपिक में सोने के पदक पर निशाना लगाने वाले अभिनव बिंद्रा, जीतू राय, गगन नारंग, पहलवान नरसिंह यादव, योगेश्वर दत्त, बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल, तीरंदाज दीपिका कुमारी, टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, लिएंडर पेस, मुक्केबाज विकास कृष्णन, शिव थापा, जिमनास्ट दीपा करमाकर और डिक्सस थ्रोअर विकास गौड़ा। जानिये भारतीय स्टार खिलाड़ियों के बारे में... 
'गोल्डन ब्वाय' अभिनव बिंद्रा : रियो ओलंपिक की निशानेबाजी स्पर्धाएं 6 अगस्त से शुरू होंगी और यदि भारतीय निशानेबाज देश को अच्छी शुरुआत दे पाए तो कामयाबी का इतिहास बन सकता है। 'गोल्डन ब्वाय' अभिनव बिंद्रा पर सबकी नजरें रहेंगी। बिंद्रा उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक रहेंगे। बिंद्रा ने 2008 ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर इतिहास बनाया था लेकिन 2012 लंदन में वह अपनी इस सफलता को दोहरा नहीं पाए। रियो अभिनव का आखिरी ओलंपिक है और उनसे 8 साल पुराना इतिहास दोहराने की उम्मीद की जा रही है।   
 











रियो के गगन पर नारंग :  गगन नारंग 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य जीतने में सफल रहे थे। इस बार देश को उम्मीद है कि गगन इसे सोने में बदलने में सफल होंगे। नारंग तीन स्पर्धाओं 50 मीटर एयर राइफल, 50 मीटर राइफल प्रोन और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में उतरेंगे। महिला निशानेबाजों में हीना सिद्धू से 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा और 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में उम्मीदें रहेंगी।

 
पिस्टल किंग जीतू राय : विश्वकप के रजत पदक विजेता और सबसे पहले ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले पिस्टल किंग जीतू राय 10 मीटर एयर पिस्टल और 50 मीटर पिस्टल में भारत की प्रतिनिधित्व करेंगे। ओलंपिक से पहले आखिरी आईएसएसएफ विश्व कप में रजत पदक जीत चुके जीतू से पदक की खासी उम्मीदें हैं। सेना के निशानेबाज जीतू ने भी कहा है कि उनकी सोच में सिर्फ सोना ही है। 
          
नरसिंह और योगेश्वर से उम्मीदें : डोपिंग विवाद से विजेता की तरह निकले नरसिंह यादव पर पदक जीतने का खासा दबाव रहेगा। नरसिंह ने 74 किग्रा वर्ग में पिछले रजत विजेता सुशील से अदालती लड़ाई और फिर डोपिंग की लड़ाई जीतकर रियो में उतरने का हक पाया है। नरसिंह के लिए  यह सुनहरा मौका है कि वह खुद को ओलंपिक के मैदान में साबित कर और पदक जीते। नरसिंह के अलावा पिछले लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त योगेश्वर दत्त 65 किग्रा वर्ग में पदक दावेदार रहेंगे। महिला पहलवानों में विनेश फोगाट (48 किग्रा) से भारत को काफी उम्मीदें हैं। भारत ने पिछली बार कुश्ती में दो पदक जीते थे। कुश्ती की प्रतियोगिता 15 अगस्त से शुरू होंगी।
    
साइना नेहवाल से चाहिए सोना : सुपर स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल से एक बार फिर ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद लगाई जा रही है। लंदन ओलंपिक में कांस्य जीत चुकी साइना से सीधे गोल्ड की उम्मीद लगाई जा रही है। साइना दुनिया की तमाम बड़ी खिलाड़ियों को हरा चुकी हैं और इस साल जिस तरह बैडमिंटन में चीन का दबदबा टूटा है उसे देखते हुए साइना फिर पोडियम पर पहुंच जाए तो किसी को हैरानी नहीं होगी। साइना के बाद पीवी सिंधू भी दावेदार हैं लेकिन उन्हें अपने प्रदर्शन में निरंतरता रखनी होगी। महिला युगल में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा पर भी नजरें रहेंगी। बैडमिंटन प्रतियोगिता 11 अगस्त से शुरू होगी।

 
दीपिका  साधेंगी स्वर्णिम निशाना :  स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी के पास रियो में अपना ओलंपिक सपना पूरा करने का अच्छा मौका है। दीपिका के लिए  यह स्थिति है कि अब नहीं तो कभी नहीं। भारतीय तीरंदाजी टीम सबसे पहले रियो पहुंची थीं और उसने वहां की परिस्थितियों से अभ्यस्त होने के लिए काफी कड़ा अभ्यास किया है। 
 
तीरंदाजी में भारत तीन स्पर्धाओं में हिस्सा लेगा। 2012 को ओलंपिक में पदक जीतने से चूकने वाली दीपिका कुमारी से इस बार महिला व्यक्तिगत तीरंदाजी प्रतियोगिता में पदक जीतने की पूरी उम्मीद है। इसके साथ महिला तीरंदाजी टीम ( दीपिका कुमारी, बोम्बायला देवी और लक्ष्मीरानी माझी) से भी पदक की उम्मीद की जा रही है। तीरंदाजी प्रतियोगिता पांच अगस्त से शुरू होंगी।
सानिया मिर्जा और पेस की प्रतिष्ठा दांव पर : विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी सानिया मिर्जा और रिकार्ड सातवीं बार ओलंपिक खेलने जा रहे लिएंडर पेस के रियो में प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। सानिया और पेस दोनों से ही पदक की खासी उम्मीदें हैं। पेस 1996 के अटलांटा ओलंपिक में व्यक्तिगत कांस्य पदक जीत चुके हैं। पेस पुरुष युगल में रोहन बोपन्ना के साथ उतरेंगे जबकि बोपन्ना मिश्रित युगल में विश्व की नंबर एक युगल खिलाड़ी सानिया मिर्जा के साथ उतरेंगे। पिछले डेढ़ साल के अपने करियर के सबसे सुनहरे दौर से गुजर रही सानिया के लिए इस बार ओलंपिक में पदक जीतने का यह सबसे अच्छा मौका है। टेनिस प्रतियोगिता छह अगस्त से शुरू होगी। 
    
विकास और शिव पर पदक पंच का दबाव : मुक्केबाजी में उतर रहे तीन भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन 75 किग्रा मिडिलवेट वर्ग में , शिवा थापा बेंटमवेट वर्ग में और मनोज कुमार लाइट वेल्टरवेट वर्ग में रिंग में अपनी चुनौती रखेंगे। भारत ने पिछले दो ओलंपिक में मुक्केबाजी में पदक जीते हैं और इस बार मुक्केबाजी में पदक हैट्रिक पूरी होने की उम्मीद लगाई जा रही है।

विजेन्दर सिंह ने 2008 में और मैरीकॉम ने 2012 में कांस्य पदक जीते थे। विकास 2014 में इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुके हैं। इस बार भी उनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही है। शिवा थापा लंदन ओलंपिक के बाद इस बार भी ओलंपिक में भारत की तरफ से रिंग में उतरेंगे। शिवा चार साल पहले 18 साल के थे लेकिन अब 22 साल की उम्र में शिवा के पास अनुभव है और उनसे पदक की पूरी उम्मीद है। मुक्केबाजी मुकाबले छह अगस्त से शुरू होंगे।
 
दीपा से एक और चमत्कार की उम्मीद : ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर को ओलंपिक में कारनामा करने के लिए  चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा। दीपा ओलंपिक के लिए  क्वालीफाई कर पहले ही इतिहास बना चुकी है और यदि वह पदक जीत जाती हैं तो उनका नाम भारतीय खेलों के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो जाएगा। 
     
52 वर्षों के बाद यह पहला मौका है, जब भारत का कोई एथलीट ओलंपिक में जिमनास्टिक में हिस्सा लेगा। 22 साल की दीपा के क्वालीफाइंग के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए भी उनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही है। जिमनास्टिक की प्रतियोगिता छह अगस्त से शुरू होंगी। त्रिपुरा की दीपा की सफलता के लिए ना केवल पूरा पूर्वोत्तर बल्कि पूरा देश प्रार्थना कर रहा है। 
    
विकास गौड़ा को दिखाना होगा दम : चार साल लंदन ओलंपिक के फाइनल में पहुंचे डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा एथलेटिक्स में देश की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। विकास ने जमैका आमंत्रण एथलेटिक्स टूर्नामेंट के दौरान 65 मीटर की दूरी पार की थी। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता 32 वर्षीय विकास ने मई में किंगस्टन में 65.14 मीटर दूरी तक थ्रो कर खिताब जीता था। 12 अगस्त को डिस्कस थ्रोअर का मुकाबला होगा। विकास गौड़ा लंदन ओलंपिक में फाइनल में पहुंचे थे लेकिन आठवें स्थान पर रहे थे। विकास को इस बार रियो में तगड़ी थ्रो फेंकनी होगी। 

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