हंगरी में भारतीय दूतावास ने इसका संकेत दिया कि उक्त देश से निकासी अभियान पूरा होने वाला है, क्योंकि इस अभियान के तहत अंतिम चरण की उड़ानों की शुरुआत की जा रही है। भारत अपने नागरिकों को रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्दोवा के रास्ते वापस ला रहा है। भारतीय नागरिक यूक्रेन की जमीनी सीमा बिंदुओं को पार करके इन देशों में पहुंचे हैं। पहली उड़ान 26 फरवरी को फंसे भारतीयों को बुखारेस्ट से लेकर वापस आई थी।
रूस द्वारा सैन्य अभियान शुरू किए जाने के बाद यूक्रेन ने नागरिक विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 13 उड़ानों में करीब 2,500 भारतीयों को निकाला गया। उन्होंने कहा कि हंगरी, रोमानिया और पोलैंड से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों में सात उड़ानें निर्धारित हैं। बुडापेस्ट से पांच उड़ानें होंगी, पोलैंड में रेज़ज़ो और रोमानिया में सुचेवा से एक-एक उड़ान संचालित की जाएगी।
एक अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन गंगा के तहत, अब तक 76 उड़ानें 15,920 से अधिक भारतीयों को भारत वापस ला चुकी हैं। इन 76 उड़ानों में से 13 उड़ानें पिछले 24 घंटों में भारत में उतरी हैं। हंगरी में भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा पोस्ट की, जिसमें भारतीय छात्रों से कहा गया है कि वे भारत लौटने के लिए निर्दिष्ट संपर्क बिंदुओं पर रिपोर्ट करें।
हंगरी में स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, महत्वपूर्ण सूचना : भारतीय दूतावास ऑपरेशन गंगा के तहत अंतिम चरण की निकासी उड़ानों की आज शुरुआत कर रहा है। जो भी छात्र (दूतावास के अलावा) खुद से किए गए प्रबंध में रह रहे हैं, उन्हें बुडापेस्ट स्थित यूटी 90 रकोजी हंगरी सेंटर में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक पहुंचने का अनुरोध किया जाता है।
वहीं यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने उन सभी भारतीय नागरिकों से जो अभी भी संघर्षग्रस्त देश में फंसे हुए हैं, तत्काल एक ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए कहा। गूगल आवेदन पत्र में नाम, ईमेल, फोन नंबर, वर्तमान ठिकाना, पासपोर्ट का ब्योरा, लिंग और उम्र का विवरण देने को कहा गया है। आवेदन में दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वर्तमान स्थिति बताने को भी कहा है। आवेदन में स्थलों की एक सूची दी गई है और उनमें से चयन का विकल्प दिया गया है।
ऑनलाइन आवेदन में जिन स्थलों की सूची दी गई है वह इस प्रकार हैं- चेरकासी, चेर्निहिव, चेरनिवित्सी, निप्रोपेत्रोव्स्क, दोनेत्स्क, इवानो-फ्रांकिवस्क, खारकीव, खेर्सोन, खमेलनित्स्की, किरोवोग्राद, कीव, लुहांस्क, लवीव, मिकोलेव और ओडेसा। इसके अलावा पोलतावा, रिवने, सूमी, तेरनोपिल, विनित्स्या, वोलिन, जकरपत्या, जापोरोझ्या और झितोमीर को भी सूची में शामिल किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले परामर्श जारी होने के बाद से अब तक 21 हजार से अधिक भारतीय यूक्रेन से बाहर आ गए हैं। इनमें से 19920 भारतीय पहले ही भारत पहुंच चुके हैं। मानवीय सहायता की 6 खेप पहले यूक्रेन के लिए भेजी गई थी और रविवार को 6 टन वजन की एक और खेप आईएएफ की उड़ान से पोलैंड भेजी गई।