देश और धर्म की रक्षा के लिए हनुमानजी और मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने जब महाभारत युद्ध की घोषणा की थी तब उन्होंने पांडवों से इन्हीं दोनों देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कहा था। दोनों ही देवताओं ने प्रकट होकर विजय दिलाने के वचन भी दिया था। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं हनुमानजी के ऐसे मंदिरों के बारे में जहां जाकर आप जीवन के हर क्षेत्र में विजय हो सकते हैं।
विजयनगर साम्राज्य के महागुरु और श्रीब्रह्मण्य तीर्थ के शिष्य श्रीव्यास राय तीर्थ माधव द्वैत परंपरा के एक महान संत थे। वे भारत के कोने-कोने का भ्रमण कर विष्णु भक्ति का प्रचार करते थे। उस समय भारत पर विदेशिओं का आक्रमण चल रहा था और मंदिर तथा देवस्थल नष्ट किए जा रहे थे। तब देश की रक्षा के लिए स्वामीजी ने हनुमान तप के बल पर 732 वीर हनुमान मंदिर स्थापित किए और उनको जाग्रत स्थान बनाया।
आज भी अगर किसीको देश रक्षा के बारे में चिंता हो तो वे इन मंदिरो में पूजा कर सकते हैं। ये हनुमान प्रतिमाएं जरूर है लेकिन सबसे अलग है। वीर हनुमान शक्ति और आत्मबल के स्वरूप है। साधारणतः मंदिरों में भक्त हनुमान की सौम्य मूर्तियों की पूजा की जाती है लेकिन श्रीव्यासजी ने हनुमानजी के उग्र रूप को चुना।
अगल पन्ने पर जानिए कैसी है इन मंदिरों में स्थापित हनुमानजी की मूर्ति...
मूर्ति की विशेषत:
*केशो की जटा।
*बाया हाथ अभय हस्त।
*दाहिने हाथ में सौगन्धिका फूल (फूलो की ये प्रजाति शायद लुप्त हो गयी है)।
*उनकी पूछ का घुमाव- सर के पीछे से अर्ध गोलाकार रूप में (जब वानरों को गुस्सा आता है तब पूंछ घूमी रहती है)।
*पूछ पर घंटी बंधी हुई जो अथर्व वेद मंत्र की शक्ति है।
*प्रतिमा पर शंख, चक्र , सूर्य और चन्द्रमा बने हुए।
*पैरो के नीचे असुर की प्रतिमा।
अगले पन्ने पर जानिए कौन से हैं ये मंदिर...
नीचे दी गई सूची में 732 में से 200 मंदिर ने नाम पते दिए जा रहे हैं। हमारे पास अभी बस इतने ही मंदिरों की जानकारी उपलब्ध है। हो सकता है कि बाकी बचे मंदिरों में कुछ लुप्त हो गए हों और कुछ कहीं जंगल में विद्यमान हो।
आंध्र प्रदेश के मंदिर:
* आंजनेय मंदिर, चौलुर, हिन्दुपुर तालुका अनंतपुर
* श्रीआंजनेय, राघवेन्द्र स्वामी मठ, पेनुगोंडा, अनंतपुर
* श्रीआंजनेय , पुराने श्री व्यासराजा मठ ,पेनुगोंडा , अनंतपुर
आंजनेय , उत्तरादि मठ ,पेनुगोंडा , अनंतपुर
* संजीव राय मंदिर ,पेनुगोंडा , अनंतपुर
* उरवरलु श्री आंजनेय मंदिर , एर्मांची गेट,पेनुगोंडा , अनंतपुर
* वीर आंजनेय स्वामी मंदिर ,गांडी , वीरन्नागत्तुपल्ले गाव , कडपा
* मंगराय आंजनेय स्वामी मंदिर , श्री राघवेंद्र स्वामी मठ, अदोनी कुरनूल
* मंगलपुरा श्री प्राणदेवारु , सराफ बाजार , अदोनी कुरनूल
* आंजनेय मंदिर , श्री विजयादसरा काट्टे , चिप्पागिरी , कुरनूल
* आंजनेय मंदिर , चिंटरवेलु (पेद्दा) , गढ़वाल के पास , महाभौनगर
* आंजनेय मंदिर, श्री अनंथाचार्य छात्र , जेम्स स्ट्रीट रेलवे स्टेशन के पास , रानीगंज ,
हैदराबाद :
* प्राणदेवारु - बिचली , कुरनूल जिला
* प्राणदेवारु - श्री सुगुणेन्द्र तीरथरा बृन्दावन , चित्तूर
* प्राणदेवारु - बीचपल्ली , कृष्णा नदी के तट पर मेहबूब नगर
* प्राणदेवारु - कासपुरम -गुंतकल (मंडल) अनंतपुर
* प्राणदेवारु - हिन्दुपुर से ४ किमी , अनंतपुर
* प्राणदेवारु - हिन्दुपुर , संतेबिदनूर के पास
* प्राणदेवारु - अनन्तगिरी , , अत्तपुर रिंग रोड के पास ,हैदराबाद
* प्राणदेवारु - बीचपल्ली कोठाकोटा ,महबूबनगर
* प्राणदेवारु - कासपुरम आंजनेय मंदिर , गुंतकल जंक्शन के बहार , अनंतपुर
* दास आंजनेय मंदिर , अट्टापुर , हैदराबाद - ये दक्षिणमुखी हनुमान है जिनके दोनों ओर शंख चक्र है और वे विष्णु अवतार में है।
* मार्केकोंटई पर श्रीआंजनेय और श्रीवरधाराज पेरुमल मंदिर, थेनी जिला, तमिलनाडु
* गंगुवारपट्टी परमुक्यप्रणस्वामी मंदिर, थेनी जिला, तमिलनाडु 625,203।
वाटरप में एक तालाब के किनारे में आंजनेय स्वामी मंदिर, विरुधुनगर जिला, तमिलनाडु।
* कृष्णागिरी जिले पर श्री वीर आंजनेय मंदिर, पता: एसआरआइ सीता रामसमेधा एसआरआई वीरा।
* आंजनेय, परवासु देवाइय्यर सड़क, पुराने पालतू जानवर केंद्र तमिलनाडु के कृष्णागिरी में।
* श्रीरंगमएल्लकारै हनुमार करूरथंथोंड्रीमलै श्री कल्याणवेंकटरमण स्वामी मंदिर- आप छोटे मंदिर में भगवान के दर्शन के बाद प्रदक्षिणा करते हुए आते हैं।
* पांडिचेरी के पास, विल्लियानूर के पास गांव से एकश्रीनिवासर मंदिर है। शिखा, घंटे के साथ यह मंदिर का प्रकाराम एक त्रिकोण है। श्रीव्यासराज ने इन्हे यहां प्रतिस्थित किया था।
* टीवी मलाई मार्ग के माध्य से हनुमान मंदिर, तिरुकोवलूर।
* गांवबिन्नमंगला में आंजनेय मंदिर है, जोडंकनीकोट्टा तालुक में स्थित, श्री आंजनेय * स्वामी के मूर्ति धर्मपुरीगरुडग़ंभ पर खुदान करते वक्त प्राप्त हुई और इन्हे कदम्बा आंजनेय के रूप में जाना जाता है।
* श्रीरंगम के चंद्रिका आंजनेय ध्वजस्तम्भ के पास है, जो एक कोडी एत्त्र मंडपम है। चिंतलवाड़ी