रविवार के संबंध में 20 रोचक बातें, जो आप नहीं जानते

हिन्दू धर्म में गुरुवार के बाद रविवार के सबसे उत्तम दिन माना जाता है। रविवार को लगभग सभी लोगों की छुट्टी रहती है। इस दिन लोग शॉपिंग करते हैं और घुमने-फिरने जाते हैं। कई लोग इस दिन सोते रहते हैं और अपनी थकान भी मिटाते हैं। परंतु रविवार का खासा महत्व होता है जिसे कम ही लोग जानते हैं और रविवार को यूं ही जाया कर देते हैं। आओ जानते हैं रविवार के संबंध में 20 रोचक बातें।
 
 
1. हिन्दू धर्म के अनुसार रविवार भगवान विष्णु और सूर्यदेव का दिन भी है। इस दिन उन्हीं की आराधना करना चाहिए। हिन्दू धर्म में इसे सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है। अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए।
 
2. रविवार का विशेष मंत्र गायत्री मंत्र है। इस दिन इसी मं‍त्र से आराधना करना चाहिए या इस मंत्र को कम से कम 108 बार जपना चाहिए। गायत्री का देवता सविता है। सविता अर्थात सूर्य। 
 
3. प्राचीन काल में कई लोग सूर्य के उपासक रहे है जैसे सुग्रीव का भाई बाली, मयदानव, अंजनी पुत्र हनुमानजी, श्रीराम, कुंती पुत्र कर्ण, वराहमिहिर आदि। प्राचीन काल में सूर्य उपासना का बहुत महत्व था।
 
4. छठ पूजा और मकर संक्रांति सहित कई व्रत और त्योहार है जो सूर्य उपासना से जुड़े हुए हैं। वेदों में सूर्य को स्थावर जंगम की आत्मा कहा गया है।
 
5. रविवार की प्रकृति ध्रुव है। रविवार को सूर्य अपनी सबसे अधिक ऊर्जा लिए होते हैं। सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है। इस प्रकार में सभी तरह के रोग और शोक को मिटान के क्षमता है। प्रतिदिन प्रात:काल सूर्य के समक्ष कुछ देर खड़े रहने से सभी तरह के पौषक तत्व और विटामिन की पूर्ति होने की संभावन बढ़ जाती है। यदि आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो सोने पर सुहागा समझें।
 
6. सूर्य का व्रत एक वर्ष या 30 रविवारों तक अथवा 12 रविवारों तक करना चाहिए। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है। जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता है। उसे जीवनभर कष्ट रहता है। उसके जीवन में खुशहाली नहीं आ पाती। इसीलिए रविवार के दिन व्रत करने का महत्व बढ़ जाता है।
 
7. रविवार के दिन सूर्य को अर्घ्य देने के कई कारण और लाभ हैं। कहते हैं कि सुबह के सूर्य की आराधना से सेहत बनती है, रोग मिटते हैं, दोपहर की सूर्य आराधना से नाम और यश बढ़ता है और शाम के समय की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है। माना जाता है कि सुबह के समय सूर्य को जल चढ़ाते समय इन किरणों के प्रभाव से रंग संतुलित हो जाते हैं और साथ ही साथ शरीर में प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ती है। 
 
8. जिस तरह सावन में सोमवार का महत्व है, ठीक उसी प्रकार भादों में रविवार का महत्व है। भगवान विष्णु अपनी नींद पूरी करने के बाद इसी महीने में जागते हैं। इसलिए इस पूरे महीने रविवार को सूर्य और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है जिसका विशेष फल प्राप्त होता है। कार्तिक माह के रविवारों का भी खासा महत्व होता है।
 
9. रविवार को एक समय व्रत रखकर उत्तम भोजन या पकवान बनाकर खाना चाहिए जिससे शरीर को भरपुर ऊर्जा मिलती है। भोजन में नमक का उपयोग उपर से ना करें और सूर्यास्त के बाद नमक ना खाएं। इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हर कार्य में बाधा आती है। खासकर लोग इस दिन चावल में दूध और गुड़ मिलाकर खाते हैं जिससे सूर्य के बुरे प्रभाव दूर होते हैं। 
 
10. इस दिन भृकुटी पर लाल चंदन या हरि चंदन लगाएं।
Surya Namaskar
11. इस दिन पूर्व, उत्तर और अग्निकोण में यात्रा कर सकते हैं। इस दिन पश्‍चिम और वायव्य दिशा में यात्रा न करें।
 
12. यह दिन गृहप्रवेश की दृष्टि से भी उचित है। 
 
13. रविवार दिन में सहवास करना और इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शनि से संबंधित पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
 
14. इस दिन गेहूं और गुड़ को लाल कपड़े में बांधकर दान करें। सूर्य को उच्च करने के लिए बहते जल में गुड़ और चावल प्रवाहित करें।
 
15. घर में सुख-शांति के लिए मिट्टी का लाल रंग का बंदर, जिसके हाथ खुले हो़, घर में सूर्य तरफ पीठ करके रखें, ऐसा रविवार को करें।
 
16. आमतौर पर लोग रविवार को ही बाल कटाते हैं परंतु मान्यता है कि इस दिन बाल कटाने से सूर्य कमजोर होता है। इस दिन तेल मालिश भी नहीं करते हैं क्योंकि यह सूर्य का दिन होता है और तेल शनि का होता है।
 
17. रविवार तांबे से निर्मित चीजों को बेचने से बचना चाहिए। इस दिन सोना, तांबा खरीद सकते हैं या धारण कर सकते हैं। इस दिन अग्नि या बिजली के सामान भी खरीद सकते हैं।
 
18. इस दिन नीले, काले, कत्थई और ग्रे कलर के कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
 
19. कोई भी नया काम शुरू करने से पहले गुड़ या मिठाई खाएं और पानी पिएं।
 
20. यदि आप गुरुवार को मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो इस दिन मंदिर अवश्य जाना चाहिए।

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