वीणा ( lyre ) :
1. जैसे, दुर्गा के हाथों में तलवार, लक्ष्मी के हाथों में कमल का फूल होता है उसी तरह मां सरस्वती के हाथों में वीणा होती है।
2. वीणा शांति, ज्ञान और संगीत का प्रतीक है।
3. माता सरस्वती और नारदजी का वीणा वादन तो जग प्रसिद्ध है ही।
5. वीणा मूलत: 4 तार की होती है लेकिन इसकी शुरुआत में यह एक तार की हुआ करती थी।
6. वीणा से निकली ध्वनी मन के तार छेड़ देती है। इसे सुनने से मन और शरीर के सारे रोग मिट जाते हैं।
7. वीणा से ही सितार, गिटार और बैंजो का अविष्कार हुआ।
8. विद्या की देवी सरस्वती भी शंख धारण करती है। यह शंख वीणा समान आकृति का होता है इसीलिए इसे वीणा शंख कहा जाता है। माना जाता है कि इसके जल को पीने से मंदबुद्धि व्यक्ति भी ज्ञानी हो जाता है। अगर वाणी में कोई दोष है या बोल नहीं पाते हैं तो इस शंख का जल पीने के साथ-साथ इसे बजाएं भी।