लक्ष्मीजी 8 अवतार बताए गए हैं:- महालक्ष्मी, जो वैकुंठ में निवास करती हैं। स्वर्गलक्ष्मी, जो स्वर्ग में निवास करती हैं। राधाजी, जो गोलोक में निवास करती हैं। दक्षिणा, जो यज्ञ में निवास करती हैं। गृहलक्ष्मी, जो गृह में निवास करती हैं। शोभा, जो हर वस्तु में निवास करती हैं। सुरभि (रुक्मणी), जो गोलोक में निवास करती हैं और राजलक्ष्मी (सीता) जी, जो पाताल और भूलोक में निवास करती हैं।
5.संतानलक्ष्मी : संतानों की देवी संतानलक्ष्मी का यह रूप बच्चों और अपने भक्तों को लम्बी उम्र देने के लिए है। संतानलक्ष्मी को इस रूप में एक बच्चे को गोद में लिए दो घड़े, एक तलवार और एक ढाल पकड़े, छह हथियारबंद के रूप में दर्शाया गया है। अन्य दो हाथ अभय मुद्रा में दर्शाए गए है।
8.विद्यालक्ष्मी : विद्या का मतलब शिक्षा के साथ ज्ञान भी है। देवी का यह रूप हमें ज्ञान, कला और विज्ञान की शिक्षा प्रदान करती है। विद्या लक्ष्मी को कमल पर विराजमान बताया गया है जिसने चार हाथ है। सफेद साड़ी पहने इन लक्ष्मी के दोनों हाथों भी कमल नजर आता है और दूसरे दो हाथ अभय और वरदा मुद्रा में है।