यदि आप चण्डीपाठ यानी दुर्गा सप्तशती का पाठ करने करने जा रहे हैं, तो कुछ सावधानियां बरतना आपके लिए बहुत ही जरूरी है अन्यथा अच्छे के स्थान पर बुरे परिणाम भी भोगने पड़ सकते हैं, जो कि चण्डी पाठ करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का अनुभव है।
2.चण्डी पाठ करने से पहले कमरे को शुद्ध, स्वच्छ, शान्त व सुगंधित रखना चाहिए। माता दुर्गा के स्थापित स्थान या मंदिर के आस-पास या मंदिर में किसी भी प्रकार की अशुद्धता न हो।
कहते हैं कि आप जिस इच्छा की पूर्ति के लिए चण्डीपाठ करते हैं, वह इच्छा नवरात्रि के दौरान या अधिकतम दशहरे तक पूर्ण हो जाती है लेकिन यदि आप लापरवाही व गलती करते हैं, तो इसी दौरान आपके साथ अकल्पनीय घटनाएं अथवा दुर्घटनाएं भी घटित होती हैं।