इस दौरान घर घर में संपर्क कर संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार किया गया। साथ ही ‘वदतु संस्कृतम’ नामक पुस्तक मात्र 5 रुपए के शुल्क पर आमजनों को देकर संस्कृत पढ़ने का निवेदन किया गया। इस दौरान शहर में 143 कार्यकर्ताओं ने 59 टोलियाँ बनाकर 6240 घरों में संपर्क किया और 5255 वदतु संस्कृतम पुस्तक का विक्रय किया गया।
इसमें लगभग 10 हजार घरों पर संपर्क करने की योजना बनाई गई थी, जिसके अनुपात में शहर में 143 कार्यकर्ताओं ने 59 टोलियाँ बनाकर 6240 घरों में संपर्क किया और 5255 वदतु संस्कृतम पुस्तक का विक्रय किया गया। विभिन्न स्थानों पर चले इस अभियान की प्रांत सचिव योगेश भोपे, सुरेंद्र शर्मा, लखन पाठक, गजानन प्रजापति, लोकेश जोशी आदि प्रमुख रूप से मानिटरिंग की।