हम गोआ स्टेशन पर रात को पहुँचे। वहाँ से हम सीधे होटल के लिए निकले। ऑफ सीजन होने के कारण हमें शानदार होटल में कमरा काफी किफायती दर पर मिल गया। अब इंतजार था तो बस बीच पर जाने का। सुबह होते ही हम होटल के पास स्थित कोलबा बीच पहुँचे।
पहली बार खुले आसमान के नीचे जहाँ तक नजर जाती हो, बस पानी ही पानी था। जिसे देखकर मन को ऐसा लगा जैसे ये विशाल समुद्र बाँहें फैलाकर हमारा स्वागत कर रहा हो और जब लहरें हमें छूकर वापस लौट रही थीं तो मानो वो हमारी थकान को मिटाते हुए हममें एक नया उत्साह भर रही हो। समुद्री नारियल की खासियत यूँ तो नारियल हर जगह मिलता है, पर गोआ के नारियल पानी की बात ही निराली है। बीच पर खड़े होकर नारियल पानी पीने का अपना ही मजा है। जानते हैं गोआ में नारियल की फसल बड़े पैमाने पर होती है, साथ ही इससे रस्सियाँ और चटाई भी बनाई जाती हैं। इसका तेल खाना बनाने में उपयोग किया जाता है। इससे मछली पकड़ने का जाल भी बनता है। इसकी पत्तियाँ छत और टोकरी बनाने के काम में ली जाती हैं, इसलिए वहाँ के लोगों की जीविका का नारियल भी प्रमुख साधन है। रोमांचक स्थल गोआ के बीच पर आप कई रोमांचकारी साधनों से अपनी सैर का मजा दोगुना कर सकते हैं। अगले दिन हम बागा बीच और कॉलिंगवुड बीच पर गए, जहाँ पैराग्लाइडिंग की जा सकती है। हममें से केवल मौसमीजी ने पैराग्लाइडिंग की। वो काफी उत्साहित थीं, इसे करने के लिए। उन्होंने हमें बताया कि जमीन से 80 मीटर की ऊँचाई पर उन्हें एक पैराशूट से लटका दिया गया। दूर-दूर तक बस पानी था।
ND
वो पैराशूट उन्हें समुद्र के बीच लेकर गया। उनके लिए वो वाकई काफी रोमांचक अनुभव रहा। इसके साथ ही हम सभी ने वॉटर स्कूटर भी चलाया। जो पानी को चीरता हुआ लहरों के ऊपर से उछालता हुआ तेजी से आगे बढ़ रहा था। साथ ही यहाँ बड़े-बड़े क्रूज भी चलते हैं। इसमें एक बार में 400 से अधिक लोग होते हैं।
इसमें सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर खड़े होकर समुद्र का नजारा देख सकते हैं। बीच वाले फ्लोर पर बैठने की व्यवस्था होती है। इसमें गोआ के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। सबसे नीचे डिस्को थैक होता है। इस तरह क्रूज लोगों का मनोरंजन करने का ऐसा रोमांचकारी साधन है, जिसमें आप घूमने, गाने और खाने तीनों का आनंद उठा सकते हैं। इसका नजारा रात में देखते ही बनता है। तटीय व्यंजन आमतौर पर गोआ में भी वेज और नॉनवेज दोनों तरह का खाना मिलता है। पर इस तटीय क्षेत्र में विशेषकर सी-फूड लोकप्रिय है। फिश, प्रॉन, लॉबस्टर, ये गोआ के विश्व प्रसिद्ध सी-फूड हैं। गोअन फैशन गोअंस भी फैशनेबल होते हैं। इनके परंपरागत परिधानों में महिलाएँ मुख्यतः नववारी साड़ी, पुरुष शर्ट और हाफ पेंट के साथ हैट का उपयोग करते थे, लेकिन अब सिर्फ कुंबी और जालमी जैसी कई जनजातियाँ इस परंपरागत वेशभूषा को पहनती हैं। मगर बदलते दौर के साथ पहनावा भी बदला। आज गोआ वेस्टर्न ट्रेंड को अपना रहा है। इसके असर के तौर पर यहाँ टैटूज बनवाने का चलन देखा जा सकता है। यादों का घरौंदा तो यह थी गोआ की जीवनशैली, जिसने हमें बहुत हद तक प्रभावित किया। हमने पूरे दिन का वहाँ भरपूर लुत्फ उठाया। यही कारण है कि वहाँ से हम बहुत-सी यादों को अपने साथ लेकर आए। सच वो नारियल पानी की मिठास, समुद्र की लहरों की वो आवाज आज भी कानों में गूँजती है, तो मन एक बार फिर कह उठता है कि मीठी यादों का ये सिलसिला इस झरोखे में यूँ ही तरोताजा बना रहे।