अमेरिकी विशेषज्ञों ने पाया कि महिलाएं बिना किसी यौन गतिविधियों में संलग्न हुए भी प्रजनन में सक्षम हो सकती हैं। पर वैज्ञानिकों ने पाया कि बंदरों सहित अन्य बहुत से स्तनपायी प्राणियों में चरम सुख से डिम्बोत्सर्जन में मदद मिलती है। आर्गेज्म के दौरान फील गुड हॉर्मोन्स पैदा होते हैं, जिनके कारण पुरुष और स्त्रियां इसमें ज्यादा रुचि लेती हैं। लेकिन मनुष्य का डिम्बग्रंथि चक्र, यौन गतिविधियों पर निर्भर नहीं रहता है और इस तरह विकास की प्रक्रिया में ऑर्गेज्म (चरमोत्कर्ष का सुख) और प्रजनन के बीच का संबंध समाप्त हो गया।
इस बारे में प्रो. माइहेला पावलीकेव का कहना है कि हम समझते हैं कि हारमोनों में होने वाली वृद्धि एक ऐसी विशेषता के तौर पर सामने आती है, जिसे हम मनुष्यों में फीमेल ऑर्गेज्म के तौर पर जानते हैं। इस तरह की जानकारी से हमें विभिन्न प्रजातियों या नस्लों में विकास संबंधी विशेषताओं को समझने में मदद मिली।