प्राकृतिक गर्भनिरोधक तरीकों का प्रयोग करते समय किसी भी तरह की गर्भनिरोधक दवाओं का प्रयोग नहीं किया जाता। इसके खास तरीके में सिर्फ मासिक चक्र को ध्यान में रखते हुए 'सेफ पीरियड' में ही सेक्स किया जाता है।
FILE
* सुरक्षित मासिक चक्र : परिवार नियोजन के प्राकृतिक तरीकों में से एक सुरक्षित मासिक चक्र है। इस तरीके के तरह ओव्यूलेशन पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध न रखने की सावधानियां बरती जाती हैं।
आमतौर पर महिलाओं में अगला पीरियड शुरू होने के 14 दिन पहले ही ओव्यूलेशन होता है। ओव्यूलेशन के दौरान शुक्राणु व अंडे के फर्टिलाइज होने की ज्यादा संभावना होती है। दरअसल, शुक्राणु सेक्स के बाद 24 से 48 घंटे तक जीवित रहते हैं जिससे इस दौरान गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
क्या है इसका फायदा पढ़ें अगले पेज पर
* फायदा : इसमें न किसी दवा की, न किसी केमिकल की और न ही किसी गर्भनिरोधक की जरूरत होती है। इसमें किसी भी तरह का रिस्क या साइड इफेक्ट का डर भी नहीं रहता है।
FILE
* नुकसान : यह तरीका पूरी तरह से कामयाब नहीं कहा जा सकता। यदि पीरियड समय पर नहीं होता तो गर्भधारण की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
अगले पेज पर पढ़ें कैलेंडर वॉच
* कैलेंडर वाच : प्राकृतिक तरीकों में एक कैलेंडर वाच है जिसे सालों से महिलाएं प्रयोग में लाती हैं। इसमें ओव्यूलेशन के संभावित समय को शरीर का टेम्प्रेचर चेक करके जाना जाता है और उसी के अनुसार सेक्स करने या न करने का निर्णय लिया जाता है।
FILE
इसमें महिलाओं को तकरीबन रोज ही अपने टेम्प्रेचर को नोट करना होता है। जब ओव्यूलेशन होता है तो शरीर का तापमान आधा डिग्री बढ़ जाता है।
क्या हैं इसके फायदे और नुकसान पढ़ें अगले पेज पर
* फायदा : इसमें किसी भी प्रकार की दवा या केमिकल का उपयोग नहीं होता। इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता और न सेहत के लिए ही कोई नुकसान होता है।
FILE
* नुकसान : यह उपाय भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनकी माहवारी नियमित नहीं होती।
अगले पेज पर स्खलन विधि
* स्खलन विधि : इस विधि में स्खलन से पहले सेक्स क्रिया रोक दी जाती है, ताकि वीर्य योनि में न जा सके।
FILE
* फायदा : इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।
* नुकसान : सहवास के दौरान हर पल दिमाग में इसकी चिंता रहती है, लिहाजा सेक्स का पूरा-पूरा आनंद नहीं मिल पाता। इसके अलावा शुरू में निकलने वाले स्राव में कुछ मात्रा में स्पर्म्स भी हो सकते हैं इसलिए यह विधि कामयाब नहीं है।