क्या लिंग से कोई कर सकता है जंगल की सफाई!! जानिए असलियत अगले पन्ने पर...
लिंग से जंगल की सफाई
यदि वर्तमान संदर्भ में देखें तो यह कल्पना की पराकाष्ठा है, लेकिन ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में बैगा जनजाति में लोगों का लिंग हाथी की सूंड के समान होता था और उसका उपयोग जंगल की साफ-सफाई के लिए किया जाता था।इतना लंबा लिंग कि....
गडाबा आदिवासियों की लिंग के बारे में एक अलग ही कहानी है। इस समुदाय में मान्यता है कि पुराने जमाने में लिंग इतना लंबा होता कि लोग उसे कमर में लपेटकर रखते थे। अधिक लंबाई के कारण वह महिलाओं को जल्द ही थका डालता था और वे वयस्क होने पर जल्दी ही मर जाती थीं।माथे पर लिंग, छाती पर योनि
सुनकर ही आश्चर्य होता है कि किसी व्यक्ति के माथे पर लिंग हो सकता है और वह भी तीन हाथ का। ...लेकिन मंडला के गोंड आदिवासियों में जो कहानी प्रचलित है उसके अनुसार पुराने जमाने में आदमी के माथे पर लिंग होता था और वह भी तीन हाथ का। वह हाथी की सूंड की तरह लटका रहता था। इसी तरह औरतों को योनि भी छाती के बीचोबीच हुआ करती थी।आदमी को लगा मुर्गे का लिंग
गंजाम के लांझिया सेओरा समुदाय की मान्यता कुछ अलग ही है। इस कहानी के अनुसार कोर्नजा सेओरा और उसकी पत्नी दोनों ही बूढ़े थे। उनके पास एक लड़की और एक मुर्गा-मुर्गी थे। घर की हालत ठीक रखने के उद्देश्य से वे किन्नरसिंह नाम के लड़के को दमाद बनाने के लिए ले आए।