सावधान! वियाग्रा से हो सकता है कैंसर

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014 (12:14 IST)
एक अध्ययन से जानकारी मिली है कि वियाग्रा के कारण त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जो लोग इस दवा को लेते रहे हैं उनके शरीर में मेलोनोमा पनपने का खतरा 84 फीसद अधिक बढ़ गया है। अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दवा के लेने से ठीक उसी तरह का जैनेटिक मैकेनिज्म पनपती है, जो त्वचा कैंसर को और अधिक फैला देती है। इतना ही नहीं, जिन लोगों ने इस दवा को एक ही बार ली, उन्हें भी मेलोनोमा का जोखिम दोगुना हो गया। 

डेली मेल में प्रकाशित अन्ना हॉजकिस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नए शोधों से इस आशय की जानकारी मिलती है कि जो लोग वियाग्रा लेते हैं, उनमें त्वचा रोग होने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि जो लोग सिल्डेनाफिल (जिसे आम तौर पर वियाग्रा के नाम से जाना जाता है) लेते रहे, उनमें मेलानोमा फैलने का खतरा 84 फीसद अधिक बढ़ गया। मेलानोमा, त्वचा कैंसर की सबसे खतरनाक प्रकार है। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि उनका शोध प्रारम्भिक अवस्था में है, इसलिए लोगों को वियाग्रा ना लेने की सलाह देना जल्दबाजी होगी।

 

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ब्राउन यूनिवर्सिटी में डर्मेटोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अबरार कुरैशी का कहना है कि यह शुरुआती शोध भर है, इसलिए हम यह सलाह नहीं दे सकते कि लोग वियाग्रा लेना छोड़ दें। उनका यह भी कहना था कि जिन लोगों ने इस दवा को लिया उनमें त्वचा कैंसर के कम खतरनाक कैंसर जैसे बैसल सेल अथवा स्क्वैमस सेल कैंसर्स का खतरा भी ज्यादा नहीं था। इस अध्ययन के तहत अमेरिका और चीन में 26 हजार लोगों पर अध्ययन किया गया। स्वास्थ्य पेशेवर लोगों से इनके संबंध में एक फॉलो अप अध्ययन से प्राप्त की गई सूचना का विश्लेषण किया गया, अध्ययन के लिए आंकड़े पुरुष स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों से हासिल किए गए थे।

डॉक्टरों का कहना है कि वियाग्रा का असर तब भी दिखा जब कई अन्य कारकों जैसे आदमी का धूप में रहने का समय और बीमारी को लेकर उसके पा‍‍र‍िवारिक इतिहास पर भी ध्यान दिया गया। जिन लोगों को अध्ययन में शामिल किया गया, उनकी औसत आयु 65 वर्ष की थी और इनमें छह फीसदी लोग वियाग्रा लेते थे। यह शोध इस सप्ताह पत्रिका जेएएमए इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया। इसमें कहा गया कि जिन लोगों ने एक बार भी वियाग्रा ली, उनमें मेलानोमा पनपने का जोखिम दोगुना हो गया था। त्वचा कैंसर के लिए ‍किसी व्यक्ति का धूप में बाहर रहने का समय और बीमारी के उसके पारिवारिक इतिहास पर भी गौर किया गया।

वियाग्रा के अन्य परिणाम इस तरह रहे। इसे लेने वाले लोगों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में दिल की जलन, उल्टी करने की तेज इच्छा और सिर में दर्द होने जैसी बीमारियां शामिल हैं। डॉ. कुरैशी का कहना है कि यह दवा उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है जो कि एनजाइना (कंठशूल) या उच्च रक्त चाप के मरीज हैं।

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