सेक्स लाइफ को तबाह कर सकती हैं ये गलतियां...

सेक्स के दौरान महिला या पुरुष सभी अक्सर कुछ गलतियां करते हैं। कुछ गलतियां अनजाने में होती हैं तो कुछ जानबूझकर की जाती हैं। जानबूझकर की जाने वाली गलतियों के पीछे झूठी मान्यताएं और धारणाएं होती हैं। अधकचरी जानकारियों के कारण भी महिला और पुरुष एक दूसरे को यौन संसर्ग के दौरान संतुष्टि प्रदान करने में असमर्थ होते हैं। यहां पढ़िए कुछ सेक्स मिस्टेक्स के बारे में...

 

क्या है पहली गलती... पढ़ें अगले पेज पर...


1. कुछ महिलाओं को यह भ्रांति है कि पुरुष को सेक्स की समाप्ति पर नकली ऑर्गेज्म का एहसास कराने में कोई हर्ज नहीं है। कुछ महिलाओं की सोच है कि नकली ऑर्गेज्म का ड्रामा करने से पार्टनर को खुशी मिलती है तो क्या नुकसान है?

पहली गलती तो यह है कि नकली ऑर्गेज्म का ड्रामा करके महिलाएं अपने आप से धोखा करती हैं, जो कि एक गलत आदत है। दूसरी गलती यह कि महिलाएं अपने पार्टनर को गलत इंप्रेशन दे रही हैं। ड्रामे का झूठ एक दिन पकड़ में आता ही है।

संतुष्टि के बाद भी हस्तमैथुन क्यों... पढ़ें अगले पेज पर...


2. कई पुरुष पूर्ण यौन संतुष्टि प्राप्त होने के बावजूद हस्त मैथुन करते हैं, इसमें कुछ गलत नहीं है क्योंकि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। महिला की नजर में ऐसा करना गलत है, वह सोचती है कि मैं उसे संतुष्ट नहीं कर पा रही हूँ इसलिए वह हस्तमैथुन कर रहा है। उन्हें यह समझना चाहिए कि पूर्ण संतुष्टि दायक यौनसुख हासिल कर लेने के बावजूद 90 प्रतिशत पुरुष 70 साल की उम्र तक हस्तमैथुन करते पाए गए हैं।

सर्वे तो यह भी बताते हैं कि 76 प्रतिशत महिलाएं भी हस्तमैथुन से सुख प्राप्त करती हैं। यह आंकड़े पूर्ण रूप से नियमित यौन सुख हासिल कर रही महिलाओं और पुरुषों के बीच कराए गए सर्वे के बाद सामने आए हैं। हस्तमैथुन तनावमुक्त करता है और गहरी नींद लाने में मददगार साबित होता है।

क्या एकसाथ क्लाइमेक्स पर पहुंचते हैं महिला-पुरुष...पढ़ें अगले पेज पर...


3. सभी महिला और पुरुष एक साथ क्लाइमेक्स पर नहीं पहुंचते। अक्सर यह माना जाता है कि सेक्स के दौरान दोनों पार्टनर एक साथ एक ही समय पर चरम सुख की स्थिति में पहुंचते हैं। वास्तविक स्थिति यह है कि अधिकांश युगलों के लिए इस स्थिति पर नियंत्रण करना असंभव होता है। इस तरह की कोशिश करना भी अनावश्यक तनाव को जन्म देता है।

पार्टनर एक दूसरे से सुख हासिल करने की बजाए एक दूसरे का आंकलन करने में लगे रहते हैं। इससे दोनों के हाथ खाली रह जाते हैं। एक साथ चरम स्थिति तक पहुंचना अच्छा है, लेकिन यह अपवाद स्वरूप कभी-कभी ही हासिल होता है। इसलिए इस अप्राप्य के पीछे दौड़ने का कोई अर्थ नहीं है।

सेक्स के बारे में महिलाओं की सोच क्या है... पढ़ें अगले पेज पर....


4. पुरुष सेक्स के बारे में महिलाओं की तुलना में दोगुना समय लगाते हैं। हाल ही में हुए एक शोध अध्ययन के मुताबिक पुरुषों का कामध्यान महिलाओं की तुलना में दोगुना अधिक होता है। लेकिन, इसका अर्थ यह नहीं है कि महिलाओं के लिए सेक्स महत्वपूर्ण नहीं है या कि वे इसके बारे में बहुत कम सोचती हैं। इसी शोध अध्ययन में यह सामने आया है कि औसतन महिलाएं दिन भर में कम से कम 10 सेक्स के बारे में सोचती हैं।

क्या सेक्स का शेड्‍यूल तय करना चाहिए... पढ़ें अगले पेज पर...


5. किसी के जीवन में कितना सेक्स हो इसका कई पैमाना नहीं है। चिकित्सा विज्ञान ने भी ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं बनाई है, जिससे सेक्स के लिए शेड्‍यूल तय किया जा सके। दूसरे हफ्ते में कितनी बार सेक्स कर रह रहे हैं इस चिंता को छोड़िए और खुद के रिलेशनशिप पर ध्यान दें।

दोनों पार्टनर आपसी रजामंदी पर यह तय कर सकते हैं कि हफ्ते में कितनी बार सेक्स किया जा सकता है। इसमें भी कोई सख्त नियम नहीं है। तय करने के बाद भी यदि किसी पार्टनर का मन यौन सुख प्राप्त करने के लिए मचल रहा है तो दूसरे पार्टनर को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। यकीन जानें कि इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।

शक और सेक्स का क्या संबंध है... पढ़ें अगले पेज पर...


6. अक्सर पार्टनर्स एक दूसरे पर पूरा भरोसा नहीं रखते। शक करने की वजह से सेक्स लाइफ डिस्टर्ब हो जाती है। यौन संसर्ग के दौरान शक करने वाली महिला खुलकर एंजॉय नहीं कर पाएगी, जबकि शक्की पुरुष बेमन से सेक्स करेगा।

सेक्स एक सेंसेटिव टॉपिक है और इस पर पार्टनर से खुलकर बातें करें। कोई समस्या तो संवाद से सुलझाएं। बेवजह के शक से दोनों में से कोई भी आहत हो सकता है। यौन संसर्ग के दौरान इस तरह का कोई डिस्कशन न करें।

जब शयन कक्ष में हों तो क्या करें... पढ़ें अगले पेज पर...


7. बेडरूम में ऑफिस से संबंधित बात का कोई स्थान नहीं है। दरअसल घर में ऑफिस संबंधित कोई बात न करें क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं होता। बेडरूम आपकी प्रायवेट स्पेस है। यह सिर्फ सेक्स को एंजॉय करने और विश्राम करने के लिए है। इसमें टीवी, पीसी मॉनिटर, मोबाइल और लैंड लाइन फोन को घुसने न दें। बेडरूम में सब काम से फारिग होकर ही प्रवेश करें। यह एक युगल की क्रीडास्थली है। इसे उसी तरह इस्तेमाल करें।

जब लाइफ में रोमांस खत्म हो जाए, तो क्या करें...पढ़ें अगले पेज पर....


8. दोनों पार्टनर सेक्स को लेकर पहले से प्लानिंग करें। शादी के बाद स्पांटेनियस सेक्सुअल एनकाउंटर्स होना स्वाभाविक है, लेकिन जब जिंदगी थोड़ी सैटल होने लगे तो इसे प्लान कर लें क्योंकि तब तक बच्चे भी दांपत्य जीवन में आ चुके होते हैं। इस अवधि में अकस्मात सेक्स में संलग्न होने से अप्रिय प्रसंग भी खड़े हो सकते हैं। जीवन से रोमांस खत्म हो गया हो तो कहीं छुट्टियों पर निकल जाएं।

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