हस्तमैथुन

आज के युवाओं की ज्वलंत समस्या है हस्तमैथुन की आदत और इसके दुष्परिणामों से उत्पन्न होने वाली स्थितियां। इस प्रकार की स्थिति से ग्रस्त युवकों की मानसिक और शारीरिक स्थिति भी अलग होती है।

किशोर आयु में बुरी संगति के कारण ही बच्चे हस्तमैथुन से परिचित हो सकते हैं, बाद में उन्हें इसका चस्का लग जाता है और वे आदत से मजबूर होकर इस प्रकार के कुकृत्य करते रहते हैं।

कुछ विवाहित युवक भी पत्नी वियोग में हस्तमैथुन करते हैं। जिन्हें हस्तमैथुन का चस्का लग जाता है, वे पत्नी के साथ संभोग के बजाय हस्तमैथुन द्वारा वीर्यपात करने में सुख अनुभव करते हैं। कुछ समय बाद इस कुकृत्य का प्रभाव उनके शरीर पर, स्वभाव पर व व्यक्तित्व पर पड़ने लगता है और वे दुःखी, परेशान होते हैं। इसके बाद की स्थिति में वे शरम के मारे किसी से कुछ नहीं कहते और चुपचाप नीम हकीमों के पास जाते हैं और पैसा लुटाते हैं, भले ही फायदा हो या न हो।

यहां इस बुरी आदत से छुटकारा पाने के कुछ उपाय दे रहे हैं, जिन पर अमल करके इस व्याधि से ग्रस्त रोगी फायदा उठा सकते हैं। यहां दिए जा रहे नियमों व उपचारों को अमल में लाकर आप इससे होने वाली हानि की क्षतिपूर्ति से मुक्ति पा सकते हैं, इसमें जरा भी संदेह नहीं है।

चिकित्सा

(1) हस्तमैथुन की कोई दवा नहीं होती, इसकी दवा आपका संकल्प है। आपको अपने मन में संकल्प करना होगा कि आप अपनी इस आदत पर कापू पाएंगे। ऐसी कोई दवा नहीं जो आपके मन व हाथ को रोक ले कि आप हस्तमैथुन न कर पाएं। खासकर एकांत में अपने मन पर नियंत्रण रखें, कामुक विचारों से बचें व ज्ञानार्जन से संबंधित या सृजनात्मक कार्यों में अपने को व्यस्त कर लें।

(2) आप किसी से भी कामुक वार्तालाप न करें, न ही कामुक बातों को याद करें। कामुक बातचीत का मतलब काम क्रिया से संबंधित जानकारी का आदान-प्रदान करना या गुप्तांगों के विषय में उल्लेखनीय बातचीत करना है।

(3) लड़कियों व स्त्रियों से हंसी-मजाक, छेड़छाड़ न करें, उन्हें घूरना बंद करें। उन्हें कामुक दृष्टि से न देखें, उनकी खूबसूरती से प्रभावित होकर या उनके अंग-प्रत्यंग की तारीफ उनके सामने या अपने मन में न करें। इससे आप में काम भावना जाग्रत होगी और आप इसे शांत करने के लिए एकांत में फिर हस्तमैथुन करेंगे।

(4) आप अपने मन में संकल्प करें कि आप अप्राकृतिक तरीके से यौन क्रिया नहीं करेंगे। अपनी काम इच्छा की पूर्ति करने के अनावश्यक प्रयत्न नहीं करेंगे, न ही इस प्रकार का यत्न करने का संकल्प करेंगे। अपने मन पर अधिकार रखेंगे, न कि आप मन के अधिकार में रहेंगे।

(5) किसी भी तरीके से मैथुन या वीर्यपात नहीं करेंगे। आपका वीर्य आपके शरीर का प्राण है, इसे याद रखेंगे। हस्तमैथुन कुछ सेकंड का सुख है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव लंबे समय के व अनेक हैं, जो आपके आने वाले वैवाहिक जीवन पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

(6) आपके शरीर व जननेंद्रिय की जो भी स्थिति हो गई है, उसकी चिंता करना छोड़ दें, आहार-विहार और आचरण का पालन करने में जुट जाएं तो चार माह में आपकी काया पलट हो सकती है, वह भी बिना किसी दवा या इलाज के।

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