नमस्ते!
मेरी जिंदगी भारत की आजादी के महान संकल्प के लिए दान कर दी गई है। इसलिए मेरी जिंदगी में आराम और सांसारिक सुखों का कोई आकर्षण नहीं है। आपको याद होगा कि जब मैं बहुत छोटा था, तो बापू जी (दादाजी) ने मेरे जनेऊ संस्कार के समय ऐलान किया था कि मुझे वतन की सेवा के लिए वक़्फ़ (दान) कर दिया गया है। लिहाजा मैं उस समय की उनकी प्रतिज्ञा पूरी कर रहा हूं। उम्मीद है आप मुझे माफ कर देंगे।