षोडशमातृकाओं की स्थापना के लिए फर्श पर वृत्ताकार मंडल बनाया जाता है। इस आकृति में सोलह कोष्ठक (खाने) बनाए जाते हैं। पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा की ओर मातृकाओं की स्थापना करें।
प्रत्येक कोष्ठक में अक्षत, जौ, गेहूँ रखें। पहले कोष्ठक में गौरी का आह्वान किया जाता है। लेकिन गौरी के आह्वान से पहले भगवान गणेश के आह्वान की परंपरा है। गणेश का आह्वान पुष्प और अक्षत से किया जाता है। अन्य कोष्ठकों में मंत्र उच्चारित करते हुए आह्वान करें।
किसी भी देवी या देवता की पूजा में आह्वान का सबसे अधिक महत्व होता है क्योंकि उस देवी या देवता के आह्वान के बिना पूजा कार्य प्रारंभ नहीं होता है। षोडशमातृका पूजन में महादेवियों का आह्वान और स्थापना के लिए निम्न मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इस मंत्रों में षोडशमातृकाओं का आह्वान किया गया है:-
षोडशमातृकाओं की स्थापना के लिए फर्श पर वृत्ताकार मंडल बनाया जाता है। इस आकृति में सोलह कोष्ठक (खाने) बनाए जाते हैं। पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा की ओर मातृकाओं की स्थापना करें। प्रत्येक कोष्ठक में अक्षत, जौ, गेहूँ रखें।
इस मंत्र द्वारा षोडशमातृकाओं का आह्वान, स्थापना करने के साथ 'ॐ मनो जूति' मंत्र से अक्षत छोड़ते हुए मातृका-मंडल की प्रतिष्ठा करनी चाहिए। इसके बाद गंधादि सामग्री से पूजा करने का विधान है।
'ॐ गणेश सहितगौर्यादि षोडशमातृकाभ्यो नमः ।'
फल अर्पण
उक्त मंत्र बोलते हुए ऋतुफल-नारियल आदि हाथ की अंजलि में लेकर प्रार्थना करें-
ॐ आयुरारोग्यमैश्वर्यं ददध्वं मातरो मम ।
निर्विघ्नं सर्वकार्येषु कुरुध्वं सगणाधिपाः ॥
इस मंत्र में षोडशमातृकाओं से आरोग्य और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की गई है। साथ ही पूजा के शुभ कार्य को बिना किसी अवरोध के संपन्न कराने का निवेदन किया गया है। इसतरह प्रार्थना करने के पश्चात् नारियल और फल षोडशमातृकाओं के चरणों में अर्पित करने के बाद, नमस्कार करते हुए कहें :
गेह वृद्धिशतानि भवंतु, उत्तरे कर्मण्यविघ्नमस्तु ।
इसके बाद निम्न मंत्र का उच्च्चारण करते हुए अक्षत अर्पित करें :-
अनया पूजया गणेशसहित गौर्यादिषोडशमातरः प्रीयन्ताम्, न मम ।
इस मंत्र के साथ अक्षत अर्पित करने के बाद नमस्कार करें और फिर निम्न मंत्र का उच्चारण करें-
गौरी पद्मा शची मेधा सावित्री विजया जया ।
देवसेना स्वधा स्वाहा मातरो लोकमातरः ॥
धृतिः पुष्टिस्तथा तुष्टिरात्मनः कुलदेवता ।
गणेशेनाधिका ह्येता वृद्धो पूज्याश्च षोडशः ॥
महादेवी के सभी नामों का उच्चारण करते हुए नमस्कार करें।