Maha Shivratri 2020 : भगवान भोलेनाथ जैसा वर चाहिए तो महाशिवरात्रि पर करें ऐसे पूजा
maha shivratri 2020
पं. दयानंद शास्त्री
भगवान शंकर की कृपा से वर पाने की इच्छा रखने वाली कन्याओं को महाशिवरात्रि की रात भगवान शिव की उपासना किस प्रकार करनी चाहिए?
1. सर्वप्रथम साफ मिट्टी लेकर उसे पानी, दूध और गाय के घी में सान लें। अब मंत्र पढ़ें। पहले गणेशजी बनाकर पीठ पर रखें।
मंत्र है- 'ॐ हीं गं ग्लौ गणपतये ग्लौं गं हीं'। 108 बार 'ॐ नमो हराय' मंत्र पढ़कर बहेड़े के फल के बराबर मिट्टी अपने दाहिने हाथ में ले लें।
2. इस मिट्टी से आपको एक शिवलिंग बनाना है। शिवलिंग आपके अंगूठे से बड़ा और बित्सित यानी बित्ते से छोटा होना चाहिए।
शिवलिंग बनाते समय आपको मंत्र पढ़ना है- 'ॐ नमो महेश्वराय' 108 बार।
3. अब इस शिवलिंग को चौकी पर स्थापित करें और 108 बार मंत्र पढ़ें- 'ॐ नमो शूलपाणी'।
4. अब बची मिट्टी से सुन्दर-सी कुमार (नौजवान) की मूर्ति बनाएं और उसे भगवान शंकर की सीध में बैठाकर 108 बार मंत्र पढ़ें- 'ॐ एं हूं क्षूं क्लिं कुमाराय नम:।'
5. इसके बाद 108 बार 'ॐ नम: शिवाय' मंत्र पढ़कर प्रार्थना करें- 'ॐ नम: पिनाकिने इहगच्छ इह तिष्ठ'। अब यह पीठ पूजा के लिए तैयार है। अब आप इस मूर्ति की जल, दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत से स्नान और धूप दीप नैवेद्य आदि से पूजन करें। बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं। शिव के नैवेद्य में बेल फल, धतूरा, भांग की पत्ती व बेर का फल इत्यादि अवश्य शामिल करें।
अब इसके बाद निम्न प्रयोग करें-
1. विवाह योग्य कन्या को शीघ्र वर प्राप्ति के लिए 'हीं ॐ नम: शिवाय हीं' मंत्र से 108 बेर के फल भगवान को में 3 बार चढ़ाने से यथेष्ट फल प्राप्त होगा।
2. यदि किसी लड़के को यथेष्ट कन्या की इच्छा हो तो उसे इसी मंत्र को पढ़ते हुए 108 बार अमृता (गिलोय) की आहुति पलाश की समिधा से रात्रि में 3 बार देनी चाहिए।
3. मनोवांछित वर-कन्या पाने के लिए- अगर आपने अपना जीवनसाथी पहले ही पसंद कर लिया हो तो आपको दूसरा मंत्र पढ़ना है। यह मंत्र लड़के-लड़कियों दोनों के लिए कॉमन है।
मंत्र है- 'क्लिं ॐ नम: क्लिं'। इस मंत्र को 108 बार पढ़ते हुए 3-3 पूर्वा से बेल की समिधा में हवन करने से मनोवांछित वर-कन्या की प्राप्ति होती है।
4. अगर विवाह में देर हो गई हो- अगर आपके विवाह में देर हो रही हो, तो इसी विधि से भगवान शंकर की स्थापना करके उन्हें शिव के 10 द्रव्य चढ़ाएं। ये 10 द्रव्य इस प्रकार हैं- बेल का फल, तिल 5 मुट्ठी, खीर 1 कटोरी, सवा पाव घी, सवा पाव दूध, सवा पाव दही, 108 दूर्वा, 4 अंगुल की वट की 5 लकड़ियां, 4 अंगुल की पलाश की 5 लकड़ियां और 4 अंगुल की कत्थे यानी खैर की 5 लकड़ियां।
ये सामग्रियां शिव को अर्पित करके रात्रि में 3 बार भगवान शंकर की पंचोपचार पूजा करके तीनों बार 108 बार मंत्र जप करें-
मंत्र है- 'ॐ नमो भगवते रुद्राय'।
5. अगर आपको लगता है कि आपके रूप की कमी के कारण विवाह नहीं हो रहा हो तो आप उपरोक्त विधि से स्थापना करके खैर की समिधा से हवन करें। इसमें हवन सामग्री के तौर पर दूध और जौ का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर खैर (कत्थे) की लकड़ी न मिले तो उसकी जगह गम्मारी की लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मंत्र है- 'हीं ॐ नम: शिवाय हीं'।
6. यदि आपका दांपत्य या प्रेम संबंध खतरे में पड़ गया हो तो पहले बताई गई विधि से स्थापना करके अपने जन्म नक्षत्र में और शिवरात्रि के दिन गुडूची यानी गिलोय और बकुल यानी मौलश्री की समिधा से घी, शहद और शकर से होम करने से प्रेम संबंध या दांपत्य जीवन अक्षुण्ण बना रहता है।
मंत्र वही होगा- 'हीं ॐ नम: शिवाय हीं'। रात्रि में 3 बार भगवान की पूजा करके हर बार 108 आहुतियां मंत्र पढ़ते हुए देनी चाहिए।
7. अगर आपको लगता है कि आपके शारीरिक गठन की वजह से आपके विवाह में बाधा आ रही है तो शिवरात्रि के दिन से अपने जन्मदिन तक नित्य जप से शारीरिक सौष्ठव बेहतर होकर शादी का रास्ता खुलता है। इसके लिए शिवरात्रि की रात उपरोक्त विधि से 3 बार भगवान का पूजन करके हर बार बरगद की समिधा जलाकर बेल फल के गूदे, शहद और घी से 108 बार आहुतियां प्रदान करें। इसके बाद नित्य 1 माला मंत्र पढ़ें। प्रत्येक सोमवार को भगवान शंकर को दूध चढ़ाएं और अपने जन्मदिन की रात यही प्रक्रिया दोहराएं।
मंत्र- 'हीं ॐ नम: शिवाय हीं'। इससे लाभ अवश्य होगा।
8. विवाह में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करने के लिए शिवरात्रि की रात भगवान शिव की पूजा करके क्षीरी वृक्ष की समिधा और लावा से हवन करना चाहिए। प्रदोष का व्रत करना चाहिए और मंत्र की 1 माला का जप शिवरात्रि की रात तक 3 बार करके होम कर पुन: वर प्राप्ति तक नित्य करना चाहिए।
मंत्र- 'हीं ॐ नम: शिवाय हीं'।
9. शिवरात्रि के दिन शिवजी की कृपा प्राप्ति तथा फल की प्राप्ति के लिए पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करें और निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।
मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमव ह्रीं ऐं ॐ'।
इस मंत्र का जाप करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी तथा आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाएंगी।
10. शिवरात्रि के दिन विवाहित स्त्रियां शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तथा अपने घर में सुख-सौभाग्य बनाए रखने के लिए शिवजी की पूजा करें और दूध से शिवजी का अभिषेक करें। अभिषेक करने के बाद निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें
मंत्र- 'ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ'।
इस विधि से शिवजी की पूजा करने से आपके घर में हमेशा सुख-सौभाग्य बना रहेगा।
11. शिवरात्रि के दिन पूजा करने से लक्ष्मी माता भी प्रसन्न होती हैं, क्योंकि लक्ष्मीजी अपने अखंड स्वरूप में केवल शिवजी के आदेश पर ही किसी भी स्थान पर प्रकट होती हैं। लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने तथा धन प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की अर्चना करने के बाद नीचे दिए गए मंत्र की 10 माला का जाप करें।
मंत्र- 'ॐ श्रीं ऐं ॐ।'
12. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि के दिन ही शिवजी का विवाह माता पार्वती से हुआ था। इसलिए यदि किसी व्यक्ति का विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह भी इस दिन व्रत एवं पूजा करके इस समस्या से छुटकारा पा सकता है। जल्दी विवाह करने के लिए शिवजी की पूजा करें और नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण करें।
13. यदि आपके घर में लगातार समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं तो आप शिवरात्रि के दिन पूजा कर इन समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं। इसके लिए शिवरात्रि के दिन बेलपत्र, भांग व धतूरे को चढ़ाने के बाद निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।
मंत्र- 'ॐ साम्ब सदा शिवाय नम:'।
14. यदि किसी व्यक्ति के पुत्र का विवाह नहीं हो पा रहा है तो पुत्र का विवाह शीघ्र करने के लिए भी आप इस दिन भोले की अराधना कर सकते हैं। इसके लिए एक मूंगे की माला लें और शिवजी की पूजा करने के बाद निम्नलिखित मंत्र की 1 माला का जाप अपने पुत्र से करवाएं।
ऐसा माना जाता है जब कोई महिला भगवान शिव से प्रार्थना करती है तो भगवान शिव उनकी प्रार्थना को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं। भगवान शिव की पूजा में किसी विशेष सामग्री की जरूरत नहीं पड़ती है। सिर्फ पानी और बेलपत्र के जरिए भी श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि का महिलाओं के लिए विशेष महत्व है। अगर अविवाहित कन्या महाशिवरात्रि के दिन उपवास करती है और उपरोक्तानुसार पूजा संपन्न करती है तो भगवान शिव जैसा ही पति मिलता है।