खास शुभ संयोग : धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग रहेगा। धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। परिघ के बाद शिवयोग रहेगा। बारहवें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग रहेगा। मंगल, शुक्र, बुध और शनि के साथ चंद्र है। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति रहेगी। चतुर्थ भाव में राहु वृषभ राशि में जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा।
- गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:48 से 06:12 तक।
- सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:00 से 07:14 तक।
- निशिता या निशीथ मुहूर्त : रात्रि 11:45 से 12:35 तक।
2. शिवजी को केतकी और केवड़ा के फूल अर्पित नहीं करते हैं।
3. शिवजी के समक्ष शंख भी नहीं बजाया जाता है।