shraddha Paksha 2025: एकादशी का श्राद्ध कब है, क्या करते हैं इस दिन?

WD Feature Desk

शुक्रवार, 12 सितम्बर 2025 (10:52 IST)
Ekadashi Shraddh 2025: पितृ पक्ष 2025 में एकादशी का श्राद्ध 17 सितंबर, बुधवार को होगा। यह एकादशी 'इंदिरा एकादशी' के नाम से भी जानी जाती है।  एकादशी तिथि को पितरों के श्राद्ध के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, खासकर जब यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आती है और इसे इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है।ALSO READ: Sarvapitri amavasya 2025: वर्ष 2025 में श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या कब है?
 
इस दिन क्या करते हैं: एकादशी का श्राद्ध उन दिवंगत परिजनों के लिए किया जाता है, जिनका निधन एकादशी तिथि को हुआ हो। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और इस दिन श्राद्ध करने से कई लाभ होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और वे जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाते हैं।

यह श्राद्ध पितृदोष को दूर करने में भी सहायक माना जाता है। यह समय श्रद्धा, विनम्रता और आत्म‑चिंतन हेतु महत्वपूर्ण होता है। श्राद्ध करते समय पितरों के प्रति सम्मान की भावना हो तथा आत्म‑ग्लानि या दोषारोपण से श्राद्धकर्ता तथा परिवारजनों को बचना चाहिए।ALSO READ: Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
 
• तर्पण और पिंडदान: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विधि-विधान से तर्पण और पिंडदान किया जाता है। तर्पण के लिए जल में काले तिल, दूध और चावल मिलाकर पितरों को अर्पित किया जाता है।
 
• ब्राह्मण भोजन: पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराना एक महत्वपूर्ण कर्म है। एकादशी के श्राद्ध के दिन भी ब्राह्मणों को आदरपूर्वक भोजन कराया जाता है और उन्हें दक्षिणा व वस्त्र आदि दान दिए जाते हैं।
 
• पंचबलि: श्राद्ध के दिन गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटी यानी पंचबलि के लिए भोजन निकाला जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन जीवों को भोजन कराने से पितरों को भोजन प्राप्त होता है।
 
• दान-पुण्य: पितृ पक्ष में आने वाली एकादशी के दिन यथाशक्ति तथा  अनाज, वस्त्र, छाता और अन्य उपयोगी वस्तुओं का दान किया जा सकता है।दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है।
 
• पूजा-पाठ: भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना भी इस दिन अत्यंत फलदायी होता है, क्योंकि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है।ALSO READ: Shradha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष के बाद इन 96 दिनों में कर सकते हैं श्राद्ध कर्म

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