ज्योतिष में पितृदोष सबसे बड़ा दोष माना गया है। इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय होता है तथा जातक को मानसिक क्लेश का सामना करना पड़ता है। पितृदोष से पीड़ित जातक की उन्नति में निरंतर बाधा आती रहती है। अत: श्राद्ध पक्ष के दिनों में किए गए पितृ-पूजन से पितृ तृप्त होकर मुक्त हो जाते हैं और वे अपने परिवारजनों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।