महाकाल की तीसरी सवारी पर बनेगा विश्व रिकॉर्ड, एक साथ बजेंगे 1500 डमरू

WD Feature Desk

शनिवार, 3 अगस्त 2024 (18:02 IST)
Mahakal Sawari 2024: 22 जुलाई 2024 सोमवार से सावन माह प्रारंभ हो गया है। उज्जैन में 5 अगस्त 2024 सोमवार को महाकाल बाबा की तीसरी सवारी निकलने वाली। 12 अगस्त को चौथी, 19 अगस्त को पांचवी, 26 अगस्त को छठी, 2 सितंबर को अंतिम शाही सवारी निकलेगी। तीसरी सवारी पर इस बार विश्‍व रिकॉर्ड बनने वाला है।ALSO READ: Mahakal ki sawari: उज्जैन महाकाल सवारी में कितने रूप में दर्शन देते हैं भोले बाबा?
 
पहली सवारी में चंद्र मौलेश्वर स्वरूप में बाबा ने दर्शन दिए, इसके बाद दूसरी सवारी में भगवान महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश रूप में दर्शन दिए। इसके बाद तीसरी सवारी में बाबा महाकाल का अनोखा स्वरूप देखने को मिलेागा। पांच अगस्त 2024 को निकाली जाने वाली तीसरी सवारी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद उपस्थित रहेंगे।
 
डमरू बजाने का विश्‍व रिकॉर्ड : महाकाल की तीसरी सवारी में इस बार 1500 डमरू बजाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक कराने के लिए तैयारी हो चुकी है। उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि डमरू वादन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है और तैयारी शुरू हो चुकी है। डमरू बजाने के लिए अलग दल गठित कर दिया गया है। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर यह भव्य आयोजन होगा। करीब 10 मिनट तक यह प्रस्तुति होगी। डमरू बजाने के इस विश्व रिकॉर्ड के दौरान उज्जैन और भोपाल के कलाकारों के साथ ही बाबा महाकाल की सवारी में निकलने वाली भजन मंडलियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
यह रहेगा महाकाल सवारी का मार्ग:-
महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। ALSO READ: Sawan somwar 2024: तीसरे सावन सोमवार व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और 3 अचूक उपाय आजमा लिए तो होगा भाग्योदय
 
उज्जैन भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद अपने तय समय पर शुरू होकर निकलेगी। मुख्‍य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी जाएगी। इसके बाद यह सवारी महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। 
 
रामघाट शिप्रा तट पर सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हए श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस लौटेगी।
 
सवारी की सुरक्षा व्यवस्था यह रहेगी:-
सवारी के लिए 2 चलित रथ से बाबा महाकाल की सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारियों के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाए बनाए रखने के लिए 2000 से अधिक का पुलिस बल और वॉलिंटियर्स तैनात किए जाएंगे। 5 ड्रोन के माध्यम से संपूर्ण सवारी मार्ग की निगरानी की जाएगी। अल्कोहल टेस्ट डिवाइस के माध्यम से वाहन चालकों की चेकिंग की जाएगी।

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