क्यों खास है चौथा श्रावण सोमवार, जानें पूजन का समय और विधि
Shravan Somvar Vrat
जो भक्तगण शिवजी को प्रिय श्रावण मास के श्रावण सोमवार के सभी व्रत-उपवास रखते हैं, उन्हें इन चारों व्रत-उपवासों के द्वारा पूरे वर्षभर के सोमवार व्रत करने का पुण्य मिलता है, ऐसा माना जाता है। अत: हर भक्त को श्रावण सोमवार के दिन व्रत के साथ-साथ भगवान शिवशंकर की अच्छे मन से पूजा-अर्चना अवश्य करनी चाहिए।
27 जुलाई को चौथे श्रावण सोमवार को सप्तमी तिथि है तथा अष्टमी तिथि का क्षय रहेगा। इसी दिन चित्रा नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। अत: चौथे सोमवार का पूजन का शुभ समय सुबह 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक रहेगा और राहुकाल प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक रहेगा। अत: इस समय पूजन करने से बचना चाहिए।
आइए जानते हैं श्रावण सोमवार व्रत से कैसे पाएं वर्षभर व्रत का पुण्यफल...।
* सोमवार को प्रात:काल ही स्नान करें।
* सुबह स्नान करके सफेद वस्त्र पहनें तथा काम, क्रोध, लोभ, चुगलबाजी आदि का त्याग करें।
* स्नान के उपरांत भोलेनाथ का ध्यान करके अपने घर में बने मंदिर या देवालय में श्रीगणेश के साथ शिव-पार्वती तथा नंदी की पूजा की करें।
* इस दिन आटे की पिन्नी बनाकर नंदी बैल का पूजन करें।
* श्रावण के प्रति सोमवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।
* श्रावण सोमवार को मंदिर जाकर भोलेनाथ को प्रसादस्वरूप गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, जल, जनेऊ, भस्म, भांग-धतूरा, चंदन-रोली, बेलपत्र, नीलकमल, कनेर, शमीपत्र, कुशा, कमल, राई और फूल धूप-दीप और श्रीफल अर्पित करें तथा दक्षिणा चढ़ाएं।
* संध्या अथवा रात्रि के समय घी-कपूर सहित धूप की आरती करके शिव का गुणगान करें।
* जितना हो सके अधिक से अधिक 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करना चाहिए।