कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को बहुत सी जगह पर वज्रनाभ भी लिखा गया है। वज्रनाभ द्वारिका के यदुवंश के अंतिम शासक थे, जो यदुओं की आपसी लड़ाई में जीवित बच गए थे। द्वारिका के समुद्र में डूबने पर अर्जुन द्वारिका गए और वज्र तथा शेष बची यादव महिलाओं को हस्तिनापुर ले गए। कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को हस्तिनापुर में मथुरा का राजा भी घोषित किया था। जब वज्रनाभ मथुरा के राजा बने, उस समय पूरा ब्रज्रमण्डल उजाड़ पड़ा था। उन्होंने महाराज परीक्षित और महर्षि शांडिल्य के सहयोग से संपूर्ण ब्रजमंडल की पुन: स्थापना की थी। वज्रनाभ के नाम से ही मथुरा क्षेत्र को ब्रजमंडल कहा जाता है। मथुरा क्षेत्र में सिर्फ मथुरा ही नहीं और भी बहुत कुछ है, हां श्रीकृष्ण ने लीलाएं रची थी।
4. बरसाना : जहां उनकी प्रेमिका राधा रानी रहती थीं।
5. मथुरा : जहां उनका जन्म हुआ, कंस का वध किया और जहां रहकर जरासंध से कई युद्ध किए।