श्री राधा और श्री रुक्मिणी में क्या अंतर है, जानिए

श्रीराधा को भगवान श्रीकृष्‍ण की प्रेमिका कहा जाता और श्रीरुक्मिणी जी उनकी पत्नी थीं। सबसे बड़ा अंतर तो यही था परंतु इससे अलावा भी 12 बड़े अंतर थे। आओ जानते हैं दोनों के बीच के अंतर को।
 
 
1. रुक्मणी शहरी स्त्री है और राधा जी एक ग्रामीण महिला है। अर्थात एक राजकुमारी थीं और दूसरी साधारण स्त्रीं। 
 
2. श्री राधा जी को रानी कहा जाता है जबकि रुक्मिणीजी को माता।
 
3. रुक्मिणी प्रभु की पत्नि व सेविका है और राधा जी प्रेमिका हैं। माता रुक्मिणी ने पत्नी धर्म निभाया तो श्रीराधा ने प्रेमिका का धर्म।
 
4. रुक्मिणी जी का प्रभु ने हरण करने के बाद विवाह किया था परंतु ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्रीराधा और श्रीकृष्ण का ब्रह्माजी ने विवाह कराया था।
 
5. श्रीराधा प्रभु के बचपन की साक्षी है जबकि रुक्मिणी प्रभु बचपन को छोड़कर संपूर्ण जीवन की साक्षी है।
 
6. श्रीराधा ने प्रभु के जीते जी प्राण त्याग दिए थे परंतु रुक्मिणी ने प्रभु के जाने के बाद। 
 
7. श्री रुक्मिणीजी सहज थीं और परंतु राधा श्रीकृष्ण की तरह ही थीं। राधा प्रेम में नाचती और गाती थी परंतु माता रुक्मिणी नहीं।
 
8. श्री कृष्ण तत्व दर्शन के अनुसार रुक्मिणी को देह और श्री राधाजी को आत्मा माना गया है।
 
9. श्री राधा को आदिशक्ति माना जाता है जबकि श्री रुक्मिणी को माता लक्ष्मी का अवतार।
 
10. श्री कृष्ण राधश में समाये हुए हैं जबकि रुक्मिणी श्री कृष्ण में समाई हुई है।
 
11. महाभारत के अनुशासन पर्व के अनुसार एक बार युधिष्ठिर ने भीष्म से प्रश्न किया, रुक्मणी और राधा में क्या समानता है। तब भीष्म ने बताया कि, एक बार लक्ष्मी जी ने रुक्मिणी से कहा कि मेरा निवास तुममे (रुक्मिणी) और राधा का निवास गोकुल के गोलोक में निवास है।
 
12. संसार में सभी सभी भौतिक व्यवस्था रुक्मणी और उनके पीछे कार्य करने की सोच राधा है और जिनके लिए यह व्यवस्था की जा रही है और वो कारण है श्रीकृष्ण। यानी राधा और रुक्मणी दोनों ही लक्ष्मी का प्रारूप है परंतु जहां रुक्मणी दैहिक लक्ष्मी हैं वहीं दूसरी ओर राधा आत्मिक लक्ष्मी हैं। difference between Radha and Rukmini

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