1. परदेसी, लोरवान, दु:खी, अपंग, मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी : किसी भी विदेशी नागरिक, दु:खी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद शख्स की मदद जरूर करें।
2. गुरुबानी कंठ करनी : गुरुबानी को कंठस्थ कर लें।
3. धरम दी किरत करनी : अपनी जीविका ईमानदारीपूर्वक काम करते हुए चलाएं।
5. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना : अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें।
7. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना : किसी की चुगली व निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत करें।
8. बचन करकै पालना : अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें।
9. दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना : दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें।