जीवन में सफल होने के लिए अपनाएं गुरु गोविंद सिंह जी के ये 11 निर्देश

Guru Govind Singh

सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था, जहां उनकी याद में एक खूबसूरत गुरुद्वारा भी निर्मित किया गया है। वे सिखों के अंतिम गुरु थे। गुरु गोविंद सिंह जी ने सन् 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। 
 
उन्होंने ही गुरुग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया। गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा सचाई के रास्ते पर चलकर जीवन जीने के लिए दिए गए उपदेश आज भी प्रासंगिक है। गुरु गोविंद सिंह 11 ऐसी बातें जिन्हें जानकर आपकी जिंदगी बेहतर हो सकती है। आइए जानें... 
 
1. परदेसी, लोरवान, दु:खी, अपंग, मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी : किसी भी विदेशी नागरिक, दु:खी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद शख्स की मदद जरूर करें। 
 
2. गुरुबानी कंठ करनी : गुरुबानी को कंठस्थ कर लें।
 
3. धरम दी किरत करनी : अपनी जीविका ईमानदारीपूर्वक काम करते हुए चलाएं।
 
4. कम करन विच दरीदार नहीं करना : काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें।
 
5. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना : अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें।
 
6. जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना : किसी भी तरह के नशे और तंबाकू का सेवन न करें।
 
 
7. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना : किसी की चुगली व निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत करें।
 
8. बचन करकै पालना : अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें।
 
9. दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना : दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें।
 
10. शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना : खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी की प्रैक्टिस जरूर करें। आज के संदर्भ में नियमित व्यायाम जरूर करें।

 
11. दसवंड देना : अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दें।

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