इसके तहत अंडमान-निकोबार, असम, नगालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश समेत कई अन्य प्रांतों से आदिवासी और वनवासी यहां जुटेंगे।
डोल्के के मुताबिक, पंडाल में देशभर के आदिवासियों के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी भी लगेगी, जिसमें आदिवासियों की सांस्कृतिक परंपराओं, उनकी रस्मों और देवी-देवताओं से जुड़ी मान्यताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। (वार्ता)