उज्जैन कुंभ में किन्नरों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज

गुरुवार, 12 मई 2016 (20:56 IST)
उज्जैन (मप्र)। धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ मेले में बिना अनुमति के निकाले गए जुलूस और लोगों की तरफ फेंके गए सिक्कों की घटना पर पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार को यहां अज्ञात किन्नरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस का कहना है कि इसके कारण जनता में भगदड़ मच सकती थी और कोई हादसा हो सकता था। इसके साथ ही इस सिंहस्थ कुंभ में पहली दफा शामिल हो रहा किन्नर अखाड़ा परेशानी में घिर गया है।
 
पुलिस अधीक्षक मनोहर वर्मा ने बताया कि किन्नरों द्वारा बुधवार को शहर में निकाले गए जुलूस और इसमें जनता की ओर सिक्के फेंके जाने के मामले में पुलिस ने किन्नरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। 
 
उन्होंने कहा कि मामला दर्ज करने के बाद हम इस जुलूस और जनता की ओर सिक्के फेंकने, जिसे उठाने की होड़ में लोग लगे थे, में शामिल हुए किन्नरों की पहचान कर रहे हैं।
 
एसपी ने कहा कि आप जानते ही होगें, इसी तरह के जुलूस में सिक्के फेंकने की घटना वर्ष 2003 में नासिक कुंभ में हुई थी। इससे मची भगदड़ में वहां 39 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। 
 
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण के खिलाफ मामला दर्ज करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने अज्ञात किन्नरों के खिलाफ भादंवि की धारा 188 और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और मामले में जांच जारी है।
 
लाल और सुनहरी साड़ी में सजे-धजे लगभग 500 किन्नर और लाल साड़ी में उनकी महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण घोड़े पर सवार होकर जुलूस के रूप में कल क्षिप्रा नदी के गंधर्व घाट पर पहुंचे और पवित्र स्नान किया था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
 
इससे पहले किन्नरों का 9 मई को पवित्र स्नान करने का कार्यक्रम निर्धारित था, लेकिन उन्होंने इसे 12 मई तक के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि उन्होंने फिर स्नान कार्यक्रम में बदलाव करते हुए कल 11 मई को जुलूस निकाल कर पवित्र स्नान कर लिया और पुलिस इस सबसे अनजान बनी रही। 
 
कुंभ के इतिहास में यह पहली दफा है कि कुंभ में किन्नरों ने अपना अखाड़ा स्थापित किया और किन्नरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली हिन्दी फिल्मों की कलाकार और भरतनाट्यम नर्तकी लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को विधिवत अपना अध्यात्मिक गुरु (महामंडलेश्वर) नियुक्त किया है जबकि यहां किन्नरों की उपस्थिति पुरुष साधुओं की इच्छा के विरुद्ध थी।
 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा सिंहस्थ में साधुओं के 13 अखाड़ों को मान्यता दी गई है। अखाड़ा परिषद के प्रमुख मंहत नरेन्द्रगिरि पहले ही अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कह चुके हैं कि वे किन्नरों के अखाड़े को मान्यता नहीं दे सकते हैं।  (भाषा) 
 

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