अमेरिकी महिलाओं का वर्चस्व

- स्वरूप वाजपेयी
विम्बल्डन में महिला एकल का 125वाँ संस्करण चल रहा है पर इसमें हमें वो अमेरिकी रंग नजर नहीं आ रहा जो कभी हुआ करता था। कहने को सेरेना एवं वीनस के साथ डेवनपोर्ट भी यहाँ हैं, लेकिन अमेरिकी करिश्मे के बगैर। उस अमेरिकी करिश्मे के बगैर, जो कि विम्बल्डन की जान हुआ करता था, उस जान को अब अपने रंग में रंग लिया है सर्बियाई और रूसी महिला टेनिस खिलाड़ियों ने।

पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यदि दूसरे विश्व युद्ध के पूर्व का विम्बल्डन महिला एकल 'ब्रिटिश' महिलाओं का शुक्रगुजार था तो दूसरे विश्व युद्ध के बाद के 'एकल' रंगमंच पर 'अमेरिकी महिला टेनिसियों' का वर्चस्व था। इसी वर्चस्व का कथानक बना है हमारा यह विवरण-

* कमोबेश अमेरिकी महिलाएँ ही छाई रही हैं 1946 के बाद के विम्बल्डन संस्करणों में : 62 संस्करणों का अवलोकन एकबारगी ही अमेरिकी वर्चस्व की कहानी कहता है। पाउलिन वेट्ज (1946) से लेकर वीनस विलियम्स (2007) तक महिला विजेताओं की यह श्रृंखला फैली हुई है। यद्यपि 10 राष्ट्रों की महिला खिलाड़ियों ने विम्बल्डन में एकल चैंपियन बनने का श्रेय प्राप्त किया है पर मीर रहने का काम अमेरिका का ही है।

विम्बल्डन का यह दौर पूरी तरह से दमदार है, क्योंकि यहाँ चैलेंज राउंड वाली सहूलियत नहीं है बल्कि खिलाड़ियों को कड़े संघर्ष व कड़ी मशक्कत के बाद आगे बढ़ना पड़ा है।

अब चाहें वह विजेता मारिया शारापोवा (2004) हों, वीनस विलयम्स हों (2005 व 07) अथवा हों एमिली मॉरेस्मो (2006) सभी को चैंपियन बनने के पूर्व सात श्रेष्ठ खिलाड़ियों से दो-दो हाथ कोर्ट में करने पड़े हैं। ऐसी सशक्त प्रतिद्वंद्विता के बीच से राह बनाते हुए अमेरिकी खिलाड़ी 37 बार विम्बल्डन जय कर चुकी हैं जबकि 62 बार एकल मुकाबले यहाँ खेले गए हैं।

* 62 वर्षों का उनका प्रभुत्व : 13 बार लगातार (1946-58) उन्हें जीत मिली है, जो कि निःसंदेह एक रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त यूएस महिलाओं ने लगातार सात बार (1981-87), दो बार लगातार पाँच बार (1972-76 व 1999-2003) तथा 1962, 66, 68, 90, 2005 व 07 में यहाँ खिताब जीते हैं।

* मार्टिना सर्वाधिक सात बार अमेरिका के लिए विजेता बनीं- वैसे मार्टिना नवरातिलोवा के नाम नौ विम्बल्डन खिताब दर्ज हैं, किंतु इनमें से दो बार वे चेकोस्लोवाकिया के लिए खेलकर विजेता रही थीं। वहीं बिली जीन किंग ने छः बार अमेरिका को जीत दिलाई। अपने देश जर्मनी के लिए स्टेफी ग्राफ ने वही काम किया, जो मार्टिना ने अमेरिका के लिए किया। स्टेफी जर्मनी को अपने दम पर सात खिताब दिला गईं।

* विम्बल्डन विजेता अन्य देश : जर्मनी सात बार और वह भी स्टेफी के माध्यम से। ऑस्ट्रेलिया को पाँच खिताब दिलाए मार्गरेट कोर्ट (स्मिथ) ने तीन व इवान गुलगांग ने दो। ब्राजील एवं चेकोस्लोवाकिया तीन-तीन बार विजेता बनने का श्रेय ले गए। ब्राजील के लिए मारियो ब्यूनो ने तीनों खिताब जीते तो चेक के लिए मार्टिना ने दो व याना नोवोत्ना ने एक खिताब जीता।

ब्रिटेन, जिसकी महिला खिलाड़ियों को विम्बल्डन के पहले दौर (1884-1945) में विशिष्ट दर्जा प्राप्त था, इस दूसरे दौर में कहीं का नहीं रहा। ब्रिटेन को मात्र तीन बार विजेता बनने का श्रेय मिला, एंजेला मार्टिमूर 1961, एन. जोंस 1969 तथा वर्जीनिया वेड 1977 में खिताब जीती थीं। 1977 के बाद अब तक (2007) ब्रिटेन की कोई महिला खिलाड़ी विम्बल्डन का ताज नहीं पहन सकी है। हालाँकि स्पर्धा खेली इंग्लैंड में जाती है।

* एक-एक बार खिताब जीतने वाले देश : कोंचिता मार्तिनेज ने 1994 में स्पेन, मार्टिना हिंगिस ने 1997 में स्विट्जरलैंड, मारिया शारापोवा ने 2004 में रूस तथा एमिली मॉरेस्मो ने 2006 में फ्रांस को जीत दिलाई थी। मार्तिनेज एवं हिंगिस तो मैदान में हैं ही नहीं, मॉरेस्मो में भी वह दम बाकी नहीं है अलबत्ता शारापोवा के विषय में यह नहीं कहा जा सकता।

शारापोवा रूस के लिए अहम रोल अदा कर सकती हैं और यही बात सर्बिया की इवानोविच एवं यांकोविच के लिए भी कही जा सकती है, जो एक नए देश (सर्बिया) को विम्बल्डन में जीत का श्रेय दिलाने की ऊर्जा रखती हैं।

यह सब होगा, होता रहेगा किंतु पिछले 62 विम्बल्डन महिला संस्करणों में 37 बार अमेरिकी महिलाओं ने चैंपियन बनकर अपने देश के वर्चस्व को जिस तरह बनाया है वह अप्रतिम है। पूरी सदी में कोई अन्य देश ऐसा कर पाएगा कहना मुश्किल है, क्योंकि वर्तमान संस्करण के आरंभ होने तक टेनिस खेलने वाले 9 अन्य देश मिलकर भी 25 बार ही यहाँ विजेता बन सके हैं। यही नहीं, 32 बार यूएस महिलाएँ विम्बल्डन में उपविजेता भी रह चुकी हैं और यह भी अमेरिकी रिकॉर्ड है। इस तरह अमेरिका ने विम्बल्डन में अपना वर्चस्व बना रखा है।

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