- आलोक श्रीवास्तव एक जमाने में रामानाथन कृष्णन, अमृतराज बंधुओं (विजय, अशोक, आनंद) और रमेश कृष्णन ने टेनिस में विश्व स्तर पर भारत की एक अलग पहचान बनाई। बाद में लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा ने अपने प्रदर्शन से भारतीय तिरंगे का मान बढ़ाया।
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डबल्स में तो एक समय पेस-भूपति की जोड़ी ने नंबर एक मुकाम भी हासिल किया। अटलांटा ओलिम्पिक में भारत के खाते में एकमात्र पदक आया जिसे लिएंडर पेस ने जीता था। कहना गलत न होगा कि पेस और भूपति अपने करिअर के ढलान पर हैं।
हालाँकि भारत की रिजर्व बेंच में प्रकाश अमृतराज, रोहन बोपन्ना, सोमदेव देववर्मन, हर्ष मांकड़ और सुनील सिपैया जैसे नाम हैं जो विश्व स्तर पर भारत को सम्मान दिलाने में सक्षम हैं। इन सभी ने जूनियर स्तर पर भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। अब ये खिलाड़ी सीनियर स्तर पर भी अच्छा खेल दिखा रहे हैं।
हाल के दिनों में जूनियर स्तर पर जिस भारतीय ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है वह है यूकी भाम्बरी। पिछले लगभग एक-डेढ़ वर्ष में यूकी के खेल में गजब का सुधार आया है। वर्तमान में वह जूनियर स्तर पर विश्व में दूसरे नंबर पर काबिज हैं। दिल्ली के रहने वाले यूकी 2006 से प्रोफेशनल टेनिस में खेल रहे हैं, लेकिन उनके लिए सबसे ज्यादा लकी 2008 का वर्ष रहा।
इसी का परिणाम है कि 15 दिसंबर को घोषित जूनियर बालकों की रैंकिंग सूची में वह दूसरे नंबर पर पहुँच गए हैं। यूकी ने जूनियर स्तर के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट ऑरेंज बॉल चैंपियनशिप के फाइनल में अमेरिका के के. बिस्केन को हराने के साथ ही यह मुकाम हासिल किया।
इससे पहले रमेश कृष्णन और लिएंडर पेस जूनियर स्तर पर विश्व में नंबर एक रैंकिंग हासिल कर सके हैं। यूकी तीसरे भारतीय हैं जो सिंगल्स में दो नंबर पर पहुंचने में सफल रहे। यहाँ तक कि विम्बलडन जूनियर चैंपियन सानिया मिर्जा भी डबल्स में ही विश्व नंबर एक रैंकिंग (2003 में) हासिल कर सकी थीं।
इस वर्ष ऑस्ट्रेलियन ओपन के जूनियर बालक वर्ग में खेलते हुए यूकी भांबरी ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। हालाँकि वह अपनी इस लय को आगे के ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों (फ्रेंच ओपन और विम्बलडन के पहले दौर में पराजित और अमेरिकी ओपन में दूसरे दौर में हारे) में बरकरार नहीं रख सके, लेकिन यूकी अपनी इन असफलताओं से जरा सा भी निराश नहीं हुए और खेल में सुधार करने के लिए कड़ी मेहनत की और उन्हें इसका फल भी मिला।
यही कारण है कि अक्टूबर से अब तक यूकी ने जिन चार टूर्नामेंटों में शिरकत की है उनमें से तीन में वह चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर चुके हैं। इसके साथ ही मैक्सिको में हुए जूनियर डेविस कप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने फाइनल तक का सफर किया था।
यूकी का प्रदर्शन इसलिए और भी खास हो जाता है क्योंकि उन्होंने ज्यादातर उपलब्धियाँ सिंगल्स खेलते हुए हासिल की हैं। उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह खिलाड़ी भविष्य में भारतीय टेनिस को और अधिक ऊँचाइयों पर पहुँचाएगा। संभव है कि सिंगल्स में वह रमेश कृष्णन (23 नंबर) का रैंकिंग में भारतीय रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
यूकी भाम्बरी का संक्षिप्त परिचय नाम: यूकी भाम्बरी जन्मतिथि : 04 जुलाई 1992 जन्म स्थान : नई दिल्ली, भारत राइड हैंड (डबल हैंडेड बैकहैंड) पसंदीदा सर्फेस : हार्ड कोर्ट कोच : आदित्य सचदेवा (6 वर्ष की उम्र से टेनिस खेलना शुरू किया) शौक :पढ़ना, तैरना, टेनिस खेलना पसंदीदा खिला़ड़ी : राफेल नडाल टेनिस में लक्ष्य : डेविस कप में भारत का प्रतिनिधित्व करना वर्तमान रैंकिंग : 2 (15-12-2008) करिअर में सिंगल्स जीत : 81 करिअर में सिंगल्स हार : 31 करिअर में डबल्स जीत : 43 करिअर में डबल्स हार : 33