ध्यानचंद 'भारत रत्न' बनेंगे तो खुशी होगी : सोनोवाल

बुधवार, 13 अगस्त 2014 (13:55 IST)
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नई दिल्ली। केंद्रीय खेलमंत्री सरबानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कहा कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को यदि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारतरत्न' मिलता है तो उन्हें बहुत खुशी होगी।

सोनोवाल ने यहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तरणताल कॉम्प्लेक्स में ऑस्ट्रेलियन स्‍पोर्ट्स अकादमी के साथ एक करार पर हस्तार करने के बाद कहा कि देश के सभी लोग चाहते हैं कि दद्दा ध्यानचंद 'भारतरत्न' बनें तथा हम भी यही चाहते हैं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इसके लिए सिफारिश करने की कोई जरूरत नहीं है। पीएमओ इस मामले पर खुद फैसला लेगा।

उन्होंने साथ ही कहा कि यदि मेजर ध्यानचंद को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारतरत्न' दिया जाता है तो हमें बहुत खुशी होगी। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब ध्यानचंद को भारतरत्न दिए जाने को लेकर विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है।

खेलमंत्री मंगलवार को राजधानी में कुछ घंटों के अंतराल में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में मौजूद थे और दोनों ही जगह उनसे एक ही सवाल किया गया कि क्या खेल मंत्रालय ने भारतरत्न के लिए मेजर ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की है या नहीं?

दोनों ही जगह सोनोवाल का एक ही जवाब था कि इसके लिए सिफारिश करने की कोई जरूरत नहीं है और प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर खुद फैसला करेगा।

इस बीच खेल सचिव अजित मोहन शरण ने भी इसी स्वर में कहा कि भारतरत्न के लिए सिफारिश करने की कोई आवश्यकता नहीं है। वैसे भी मेजर ध्यानचंद के नाम की पहले भी एक बार सिफारिश की जा चुकी है। अब भारतरत्न के मामले में जो फैसला करना है वह पीएमओ को करना है।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने इस करार के जरिए ऑस्ट्रेलियन स्‍पोर्ट्स अकादमी को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तरणताल कॉम्प्लेक्स में स्थित साई राष्ट्रीय तैराकी अकादमी के लिए (नॉलेज पार्टनर) बनाया है। इससे देश के उभरते तैराकों को अपनी प्रतिभा निखारने के लिए उचित स्थान मिलेगा।

सोनोवाल ने इस मौके पर कहा कि पूर्वोत्तर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मणिपुर में स्‍पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब हम खिलाड़ियों को आधारभूत ढांचा देंगे, तभी देश में खेलों का विकास होगा। (वार्ता)

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