बजट से खेल उद्योग के व्यापारी निराश

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014 (19:50 IST)
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जालंधर। पंजाब सरकार की बेरूखी से पहले ही आहत जालंधर के विश्व प्रसिद्ध खेल उद्योग से जुड़े व्यापारियों को आम बजट से भी निराशा हाथ लगी है क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि केंद्र सरकार खेल सामग्री पर से केंद्रीय उत्पाद शुल्क को समाप्त कर देगी।

खेल सामग्री बनाने वाले व्यापारियों ने कहा है कि राज्य की मौजूदा सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में ही खेल सामग्री पर लगने वाले वैट को शून्य फीसदी करने की घोषणा की थी। इससे ऐसा लगा कि राज्य सरकार जालंधर के विश्वप्रसिद्ध खेल उद्योग को पुनर्जीवित करना चाह रही है लेकिन सरकार की यह घोषणा अब तक अमल में नहीं आई है।

व्यापारियों ने कहा कि उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि केंद्र सरकार आम बजट में इस बार खेल सामग्री पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क को समाप्त करके उन्हें थोड़ा राहत देगी लेकिन यहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी।

खेल उद्योग संघ के समन्वययक विजय धीर ने कहा हम सरकार से केंद्रीय उत्पाद शुल्क समाप्त करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। यदि सरकार ऐसी घोषणा कर देती तो इससे खेल सामग्री उद्योग को बड़ी राहत मिलती।

उन्होंने दावा किया कि खेल सामग्री पर लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क से केंद्र सरकार को पूरे देश से करीब 15 से 20 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती है। इसमें जालंधर का हिस्सा चार से पांच करोड़ रुपए का है। इसे समाप्त कर दिए जाने से सरकार के राजस्व पर मामूली असर पडेगा लेकिन यह खेल उद्योग के लिए प्राणवायु के समान होगा।

दूसरी ओर स्पोर्ट्स फोरम के प्रमुख संजय कोहली ने कहा, वैट के मामले में राज्य सरकार से हमें आज तक निराशा ही हाथ लगी है। इसका परिणाम यह हुआ है कि अधिकतर उद्योग मेरठ चले गए हैं। इस बार हमें केंद्र सरकार से भी उम्मीद थी लेकिन हमें निराशा ही हाथ लगी।

कोहली ने कहा, बजट खेल उद्योग के लिए निराशाजनक है। इसमें उद्योग को फायदा पहुंचाने वाली कोई बात नहीं है और ना ही इस संबंध में कोई घोषणा की गई है। (भाषा)

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