बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल के स्वर्ण विजेता ग्लास्गो में स्वर्ण जीतकर राष्ट्रमंडल खेलों को अलविदा कहने वाले बिन्द्रा आमतौर पर बेहद शांत स्वभाव के माने जाते हैं लेकिन इन तमाम परेशानियों से थके और हताश नजर आ रहे बिन्द्रा ने कहा, यदि मैं यहां जल्दी आता तो बेहतर होता, लेकिन मैं क्या कर सकता हूं। वैसे भी मैं ऐसी चीजों का अभ्यस्त हो गया हूं इसलिए मुझे अब ज्यादा हैरानी नहीं होती है।
मै सिर्फ इतना कर सकता हूं कि मैं अपनी स्पर्धा पर ध्यान दूं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श करूं। संभवत: अपने आखिरी एशियाई खेलों में उतरने जा रहे बिन्द्रा का स्पेन के ग्रेनाडा में विश्व चैम्पियनशिप से सीधे इंचियोन पहुंचने का कार्यक्रम था लेकिन लाल फीताशाही के चलते उन्हें कोरियाई वीसा हासिल करने के लिए एक दिन भारत आना पड़ा।