पिछले साल एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए रिजर्व गोलकीपर के रूप में कुआंटन गए चिक्ते को पीआर श्रीजेश के चोटिल होने के बाद मुख्य गोलकीपर की भूमिका निभानी पड़ी थी। उन्होंने मलेशिया के खिलाफ भारत की 2-1 की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। भारत ने इसके बाद गत चैंपियन पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 3-2 से जीत दर्ज की और चिक्ते चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ मैच के दबाव को आसानी से झेलने में सफल रहे।
चिक्ते ने कहा कि पिछले 1 साल में मिले अनुभव से मुझे काफी मदद मिली। मैं दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन को लेकर उत्सुक हूं। इस साल भी सुल्तान अजलन शाह कप के दौरान श्रीजेश के चोट के कारण टीम से बाहर होने पर चिक्ते ने जिम्मेदारी संभाली और भारत ने टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। चिक्ते का मानना है कि वे पिछले 1 साल की तुलना में अब कहीं बेहतर गोलकीपर हैं।
बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण में मौजूदा राष्ट्रीय शिविर के दौरान अभ्यास सत्र के बाद चिक्ते ने कहा कि भारत के लिए मेरे पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के बाद मुझे पता था कि मुझे काफी काम करने की जरूरत है और इसकी शुरुआत आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाने से होगी। मैंने इससे पहले कभी जूनियर भारतीय शिविर में हिस्सा नहीं लिया। मुझे सीधे सीनियर स्तर पर खेलने का मौका मिला और मुझे पता था कि मेरे बेसिक्स में कमजोरी है। (भाषा)