आलोचनाओं का सामना कर रहे भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच मनोलो मारक्वेज ने बुधवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के साथ आपसी सहमति पर पहुंचने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एआईएफएफ पर हाल में राष्ट्रीय टीम के खराब प्रदर्शन के लिए जवाबदेही तय करने का दबाव था।
एआईएफएफ की कार्यकारी समिति ने यहां बैठक में 56 वर्षीय मारक्वेज को पदमुक्त करने पर सहमति जताई क्योंकि उन्होंने ऐसा करने की इच्छा जताई थी। मारक्वेज के अनुबंध में एक साल बाकी था।
एआईएफएफ के उप महासचिव के सत्यनारायण ने PTI(भाषा) को बताया, AIFF और मनोलो ने दोनों पक्षों पर कोई वित्तीय प्रभाव डाले बिना आपसी सहमति से अलग होने का फैसला किया है। इसलिए उन्हें भारत के कोच के पद से मुक्त कर दिया गया है। एआईएफएफ जल्द ही मुख्य कोच के पद के लिए विज्ञापन देगा।
स्पेन के मारक्वेज को जून 2024 में दो साल के कार्यकाल के लिए मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।पिछले साल उन्होंने दोहरी भूमिका निभाई थी क्योंकि वह 2024-25 सत्र में इंडियन सुपर लीग की टीम एफसी गोवा के मुख्य कोच भी थे।
भारत 10 जून को एएफसी एशियाई कप क्वालीफायर के एक मैच में निचली रैंकिंग वाले हांगकांग से 0-1 से हार गया जिससे देश पर 2027 में महाद्वीपीय की शीर्ष प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करने से चूकने का खतरा मंडरा रहा है।
मारक्वेज के मार्गदर्शन में भारत ने अपने पिछले आठ मैच में केवल एक में जीत दर्ज की। टीम को यह जीत मार्च में मालदीव के खिलाफ मिली थी।इस साल भारत ने अब तक चार मैच खेले हैं जिनमें से उसने एक जीता और दो गंवाए हैं जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। खराब नतीजों के कारण पूर्व कप्तान और दिग्गज स्ट्राइकर सुनील छेत्री की भी टीम में वापसी हुई लेकिन इससे टीम के प्रदर्शन में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
भारत को अगला अंतरराष्ट्रीय मैच एशियाई कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में सिंगापुर के खिलाफ उसकी सरजमीं पर खेलना है।सूत्रों के अनुसार क्रोएशिया के इगोर स्टिमक की जगह पद संभालने वाले मारक्वेज ने कुछ समय पहले ही एआईएफएफ को पद छोड़ने की इच्छा के बारे में बता दिया था। उन्होंने 10 जून को हांगकांग के खिलाफ मैच से पहले ऐसा किया था लेकिन वह अकेले ऐसा फैसला नहीं कर सकते थे और इसके लिए एआईएफएफ की सहमति की जरूरत थी।
मारक्वेज भारतीय फुटबॉल से सबसे लंबे समय तक जुड़े रहने वाले विदेशी कोच में से एक रहे हैं जिन्होंने कई भारतीय क्लबों का प्रबंधन किया। उनकी टीम ने सुपर कप और आईएसएल सहित कई ट्रॉफियां जीती।हालांकि एक साल का उनका कार्यकाल पिछले एक दशक में भारतीय मुख्य कोच में सबसे छोटा है। स्टिमक (2019-2024) से पहले स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन 2015 से 2019 तक भारत के मुख्य कोच थे।