विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल (51 किग्रा) और राष्ट्रीय महिला चैम्पियन जैस्मीन लम्बोरिया (57 किग्रा) ने रविवार को यहां दूसरे विश्व क्वालीफिकेशन मुक्केबाजी टूर्नामेंट के अपने क्वार्टर फाइनल में विपरीत अंदाज में जीत दर्ज कर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
कई बार के एशियाई चैम्पियनशिप पदक विजेता पंघाल ने एक कड़े मुकाबले में वापसी करते हुए चीन के चुआंग लियू को 5-0 से हराकर दूसरी बार ओलंपिक के लिए टिकट कटाया।परवीन हुड्डा (57 किग्रा) के पिछले महीने ठिकाने की जानकारी नहीं देने के कारण निलंबित किये जाने के बाद भारत को ओलंपिक कोटा गंवाना पड़ा था। जैस्मीन ने अपने 60 किग्रा को छोड़कर महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में कोटा हासिल की चुनौती पेश की और देश को इस वर्ग का कोटा दिलाया।
जैस्मीन ने एकतरफा क्वार्टर फाइनल में माली की मैरिन कामरा को आसानी से 5-0 से पराजित किया।पंघाल और जैस्मीन इस तरह ओलंपिक में जगह बनाने वाले मुक्केबाज निशांत देव (71 किग्रा), निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) की चौकड़ी के साथ शामिल हो गये।
पंघाल को पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने का केवल यही एक मौका मिला था और एशियाई खेल 2018 के चैंपियन ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।पंघाल ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ की मूल्यांकन प्रणाली के कारण राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह गंवा दी थी। उनके स्थान पर विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता दीपक भोरिया को टीम में चुना गया था जिन्होंने पिछली दो क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
News Flash: 6th Boxing Quota for India
Jaismine Lamboriya secures Quota for Paris Olympics in Women 57kg after beating Malian pugilist 5:0 in QF of World Olympic Boxing Qualifier (Bangkok). #Boxingpic.twitter.com/CUBVteXE3k
पंघाल ने तोक्यो ओलंपिक के बाद जिस बड़ी प्रतियोगिता में भाग लिया था वह 2022 के राष्ट्रमंडल खेल थे जिनमें उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।लियू के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में दोनों मुक्केबाजों ने शुरू में एक दूसरे को परखने का प्रयास किया। एक समय भारतीय मुक्केबाज संघर्ष करता हुआ दिखा।
पंघाल ने 1-4 से पिछड़ने के बाद अपनी रणनीति बदली और दूसरे राउंड में शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया।चीन के मुक्केबाज ने वापसी करने की भी कोशिश की लेकिन पंघाल मुक्कों की बौछार करते रहे जिससे पांचों जज का फैसला उनके पक्ष में गया। लियू ने अंतिम तीन मिनट में अपनी रणनीति बदली और वह पंघाल के अधिक करीब आ गए लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया और आखिर में जीत दर्ज की।
अभी सचिन सिवाच (57 किग्रा) भी ओलंपिक कोटा हासिल करने की दौड़ में हैं।(भाषा)