रुपिंदर ने कहा कि वे नॉकआउट दौर में कुछ गोल और करना चाहेंगे तथा मेरे लिए यह स्वप्निल प्रदर्शन रहा। अहम गोल करने से बहुत अच्छा महसूस होता है। मेरा काम पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करना है और इसी के लिए मैं टीम में हूं। मैंने सुल्तान अजलन शाह कप के जरिए 2010 में पदार्पण किया और ब्रिटेन के खिलाफ उसी टूर्नामेंट में हैट्रिक बनाई। यह सब हॉकी की मेरी अच्छी यादों में से है। (भाषा)