मैच में था सरिता का दबदबा, जीत गईं जिना...

मंगलवार, 30 सितम्बर 2014 (12:26 IST)
इंचियोन। भारतीय मुक्केबाज एल सरिता देवी (60 किग्रा) को एशियाई खेलों में मंगलवार को यहां सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया की जिना पार्क के खिलाफ दबदबे वाले प्रदर्शन के बावजूद विवादास्पद रूप से पराजित घोषित कर दिया गया जिसके कारण उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
 
भारत की 32 वर्षीय मुक्केबाज को रिंग के बाहर इस फैसले के खिलाफ विरोध करते हुए देखा गया क्योंकि उन्होंने पहले राउंड में पार्क का डटकर सामना किया और इसके बाद वह अधिक आक्रामक हो गई थी और उन्होंने कई सटीक घूंसे जड़े थे।
 
पूर्व एशियाई चैंपियन सरिता को आखिर में हालांकि निराशा हाथ लगी क्योंकि मुकाबले में अधिकतर समय बैकफुट पर रही पार्क को जजों ने विजेता घोषित कर दिया।
 
पहले राउंड में मुकाबला काफी करीबी रहा जिसमें दोनों मुक्केबाजों ने एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन दूसरे राउंड से साफ लग रहा था कि सरिता बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
 
पहला राउंड गंवाने के बाद भारतीय मुक्केबाज ने शानदार वापसी की। उनका दायां हाथ लगातार कोरियाई मुक्केबाज की ठुड्डी पर लग रहा था। बीच में उनके करारे घूंसे से कोरियाई खिलाड़ी के नाक से खून भी बहने लगा। भारतीय खिलाड़ी इतनी आक्रामकता से सटीक घूंसे जड़ रही थी कि पार्क को बचाव पर उतरना पड़ा।
 
सरिता को लेकर दूसरे राउंड में जजों का फैसला बंटा हुआ था लेकिन इसके बाद एकदम से कहानी बदल गयी। सरिता का शानदार खेल जजों को प्रभावित नहीं कर पाया जिन्होंने तीसरे और चौथे राउंड में दक्षिण कोरियाई को विजेता घोषित किया जबकि वह भारतीय खिलाड़ी के लगातार घूंसों से जूझ रही थी।
 
जब पार्क को विजेता घोषित किया गया तो सरिता सन्न रह गई। उन्हें इस फैसले पर विश्वास नहीं हो रहा था। (भाषा)

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