एशियाड में पुरुष हॉकी और महिला रिले टीम को स्‍वर्ण

गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014 (23:35 IST)
इंचियोन। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 16 बरस के लंबे इंतजार के बाद एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता जबकि महिला 4 गुणा 400 मीटर रिले टीम ने भी पीला तमगा हासिल करके भारत को 17वें एशियाई खेलों की पदक तालिका में नौवें स्थान पर पहुंचा दिया। 
 
भारतीय हॉकी टीम ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर स्वर्ण जीता और रियो ओलंपिक 2016 के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। वहीं महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर रिले टीम ने एशियाई खेलों की रिकॉर्ड टाइमिंग के साथ पीला तमगा हासिल किया। इस टीम में प्रियंका पंवार, टिंटू लुका, मनदीप कौर और एमआर पूवम्मा शामिल थीं। 
 
मुक्केबाजी में सतीश कुमार (प्लस 91 किलो) और विकास कृष्णन (75 किलो) ने कांस्य पदक जीते जबकि गोलाफेंक में इंदरजीत सिंह ने भी कांसा जीता। भारत ने आज कुल पांच पदक अपने नाम किए और कल रात 11वें स्थान पर रहने के बाद आज दो पायदान चढ़कर नौवें स्थान पर पहुंच गया। 
 
भारत के अब कुल 55 पदक हो गए हैं, जिनमें नौ स्वर्ण, नौ रजत और 37 कांस्य शामिल हैं। चीन 322 पदक के साथ पहले जबकि दक्षिण कोरिया दूसरे और जापान तीसरे स्थान पर है। भारत पुरुष और महिला कबड्डी के भी फाइनल में पहुंच गया है जो कल खेला जाएगा। 
 
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने आज चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर स्वर्ण पदक जीता और रियो ओलंपिक 2016 के लिए क्वालीफाई कर लिया। इस जीत के साथ ही एशियाई खेलों में स्वर्ण का भारत का 16 साल का इंतजार भी खत्म हो गया। भारत ने आखिरी बार 1998 में बैंकॉक में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था। 
 
निर्धारित 60 मिनट तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने पर मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक खिंचा जिसमें भारत ने चार गोल किए जबकि गत चैम्पियन पाकिस्तान दो गोल ही कर सका। 
 
भारत के लिए आकाशदीप सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, बीरेंद्र लाकड़ा और धरमवीर सिंह ने पेनल्टी शूटआउट में गोल दागे जबकि मनप्रीत सिंह नाकाम रहे, वहीं पाकिस्तान के लिए मोहम्मद वकास और शफकत रसूल ने गोल दागे जबकि मोहम्मद हसीम खान और मोहम्मद उमर भुट्टा गोल नहीं कर सके। 
 
इससे पहले निर्धारित समय में पाकिस्तान के लिए मोहम्मद रिजवान सीनियर ने तीसरे ही मिनट में गोल दाग दिया था। भारत के लिए बराबरी का गोल 27वें मिनट में कोथाजीत सिंह ने किया। 
 
एथलेटिक्स में भारत ने महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर रिले दौड़ में अपना दबदबा कायम रखते हुए एशियाई खेलों के रिकॉर्ड के साथ लगातार चौथी बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 
 
प्रियंका पंवार, टिंटू लुका, मनदीप कौर और एमआर पूवम्मा की चौकड़ी ने 3:28.68 सेकंड का समय निकाला। इससे पहले खेलों का रिकॉर्ड 3:29.02 सेकंड था जो भारत ने ही 2010 में बनाया था। एथलेटिक्स में महिलाओं की चक्काफेंक में सीमा पूनिया के स्वर्ण के बाद भारत का यह दूसरा स्वर्ण पदक है।
 
भारतीय मुक्केबाजों ने अपने अभियान का समापन पांच पदकों के साथ किया जब विकास कृष्णन और सतीश कुमार को सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। ग्वांग्झू एशियाई खेलों की तुलना में भारत का प्रदर्शन खराब रहा। 
 
ग्वांग्झू में भारत ने दो स्वर्ण समेत नौ पदक जीते थे जिनमें तीन रजत और चार कांस्य शामिल थे। इस बार स्वर्ण सिर्फ एमसी मैरीकॉम को मिला, जबकि चार कांस्य एल सरिता देवी, पूजा रानी, विकास और सतीश ने जीते। 
 
एशियाई खेलों की कबड्डी स्पर्धा में शुरुआत से ही भारत का दबदबा रहा है और इसे बरकरार रखते हुए पुरुष और महिला दोनों टीमें फाइनल में पहुंच गईं। दक्षिण कोरिया को सेमीफाइनल में 36.25 से हराने वाली पुरुष टीम की नजरें आठवें स्वर्ण पर होंगी।  
 
वहीं महिला टीम ने सेमीफाइनल में थाईलैंड को 41-28 से हराया और अब कम से कम रजत तो पक्का हो गया। भारतीय ताइक्वांडो खिलाड़ियों के लिए आज का दिन भी खराब रहा क्योंकि महिला और पुरुष वर्ग का कोई भी खिलाड़ी पदक नहीं जीत सका।
 
वॉलीबाल में पुरुष टीम ने पांचवें से आठवें स्थान के क्लासीफिकेशन मैच में थाइलैंड को 3-1 से हराया जबकि महिला टीम हांगकांग से 0-3 से हारकर आठवें स्थान पर रही। टेबल टेनिस में भी सौम्यजीत घोष और मनिका बत्रा अंतिम 16 के मुकाबले हारकर बाहर हो गए। (भाषा)  

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