उनसे जब 2020 पैरालंपिक में खेलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जैसा मैंने पहले कहा, मैं एशियाई खेलों के बाद ही यह फैसला कर सकता हूं कि 2020 तक खेल पाउंगा हूं या नहीं। तोक्यो में होने वाले पैरालंपिक के समय मेरी उम्र लगभग 40 साल होगी। इसलिए कोई फैसला लेने से पहले मुझे इससे से जुड़े लोगों से सलाह लेनी होगी।’
झाझरिया ने पैरालंपिक में दो स्वर्ण जीतने के साथ देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भी हासिल किया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने 1995 में सामान्य एथलीटों के साथ खेलना शुरू किया। 2002 में पैरा एथलेटिक्स में मेरा करियर बुसान एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक के साथ शुरू हुआ। पिछले 16 वर्षों से मैं देश के लिए लगातार पदक जीत रहा हूं।’