महिलाओं के वर्ग में पिंकी स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र पहलवान रही। उन्होंने 55 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में उक्रेन की ओल्गा शानिडर को 6-3 से हराया लेकिन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने निराश किया और वे 62 किग्रा भार वर्ग में पदक दौर तक पहुंचने में नाकाम रहीं। महिलाओं ने हालांकि ओवरऑल अच्छा प्रदर्शन किया तथा 7 पदक जीते।
राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन बजरंग पूनिया लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। उन्होंने इस महीने के शुरू में जॉर्जिया में तिबलिशी ग्रां प्री में सोने का तमगा जीता था। उन्हें 70 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण जीतने के लिए पसीना नहीं बहाना पड़ा, क्योंकि उक्रेन के आंद्रे क्वायातकोवस्की चोट के कारण फाइनल मुकाबले से हट गए थे।
पुरुषों के 61 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में संदीप ईरान के मोहम्मदबागर याखकेशी से 2-8 से हार गए। विक्की ने शनिवार को 57 किग्रा में कांस्य पदक जीता था। भारत के अन्य पुरुष पहलवान अमित (65 किग्रा), जितेन्द्र (74 किग्रा), पवन (86 किग्रा), दीपक (92 किग्रा), जशकवर सिंह (97 और 125 किग्रा) पदक दौर में पहुंचने में असफल रहे।
महिलाओं के वर्ग में शनिवार को 53 किग्रा और 57 किग्रा में 2 स्वर्ण पदक दांव पर लगे थे लेकिन सीमा और पूजा ढांडा फाइनल में हार गईं। सीमा को उक्रेन की क्रिस्टीना बेरेजा ने 2-10 से जबकि पूजा को उक्रेन की ही इरनिया खारिव ने 0-11 से शिकस्त दी। सरिता ने 62 किग्रा में तुर्की के कांसु अक्षोय को 10-0 से हराकर कांस्य पदक जीता।
इस वर्ग में साक्षी भी हिस्सा ले रही थीं लेकिन वे अपने क्वालीफिकेशन में ही जीत दर्ज कर पाईं और क्वार्टर फाइनल में इलमिरा गामबरोवा से आसानी से हार गईं। यह साक्षी की इस साल गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद पहली प्रतियोगिता थी। रजनी 72 किग्रा के फाइनल में स्थानीय खिलाड़ी बेस्टी आतिग से 3-4 से हार गईं।