Bajrang Punia refused to appear in national trials : आगामी राष्ट्रीय ट्रायल में भाग लेने के भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India WFI) के न्योते को ठुकराते हुए अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में आपात संयुक्त याचिका दायर करके 10 और 11 मार्च को WFI द्वारा आयोजित चयन ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है।
If trials are only in the hands of WFI (Wrestling Federation of India) and the government wont do anything, then we will not participate in it: Bajrang Punia told IANS pic.twitter.com/uhCbFphF2p
विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि बजरंग, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने बुधवार को अदालत की शरण ली है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।
बजरंग ने याचिका दायर करने की पुष्टि नहीं की लेकिन भारतीय कुश्ती पर सरकार की चुप्पी पर सवाल दागे।
पिछले दो महीने से रूस में अभ्यास कर रहे बजरंग ने पीटीआई से कहा कि अगर ट्रायल संजय सिंह (Sanjay Singh) की अगुवाई वाली डब्ल्यूएफआई करा रही है तो वह इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा , अगर मुझे ट्रायल में भाग नहीं लेना होता तो मैं अपने अभ्यास पर 30 लाख रूपए खर्च नहीं करता लेकिन निलंबित डब्ल्यूएफआई ट्रायल कैसे करा रहा है। सरकार इसे मंजूरी कैसे दे सकती है ।
उन्होंने कहा , मुझे समझ में नहीं आता कि भारत सरकार द्वारा निलंबित खेल ईकाई ट्रायल का ऐलान कैसे कर सकती है। सरकार क्यों चुप है। अगर तदर्थ समिति या सरकार ट्रायल करायेगी तो ही हम इसमें भाग लेंगे।
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से अतीत को भुलाकर ट्रायल में भाग लेने के लिए कहा। बजरंग ने कहा कि वह अकेले नहीं बल्कि साक्षी मलिक और विनेश फोगाट भी ट्रायल में नहीं उतरेंगी।
उन्होंने कहा , यह हमारा संयुक्त फैसला है। इसमें हम साथ हैं।
साक्षी और विनेश से इस बारे में संपर्क नहीं हो सका है। (भाषा)